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जयपुर मेट्रो फेज-2 को मिली हरी झंडी: अब शहर के 36 इलाकों को जोड़ेगा 43 किमी लंबा मेट्रो रूट

जयपुर के लिए एक ऐतिहासिक विकास की घोषणा हुई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बहुप्रतीक्षित जयपुर मेट्रो फेज-2 परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को स्वीकृति दे दी है। 

Jaipur Metro: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर मेट्रो फेज-2 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को अनुमोदन दे दिया है। यह परियोजना अब मेट्रो रेल नीति 2017 के तहत केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की मंजूरी की प्रतीक्षा में है। जैसे ही केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलती है, जयपुर मेट्रो फेज-2 का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में फेज-2 के कार्य को हाथ में लेने की घोषणा पहले ही कर दी थी। यह मेट्रो परियोजना जयपुर शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अधिक मजबूत और विस्तृत बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

42.80 किलोमीटर का कॉरिडोर, 36 आधुनिक स्टेशन

फेज-2 परियोजना के तहत जयपुर मेट्रो का नया रूट टोडी मोड़ से प्रहलादपुरा तक प्रस्तावित है। यह रूट लगभग 42.80 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें कुल 36 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से 34 स्टेशन एलीवेटेड (उच्च स्तरीय) होंगे जबकि 2 स्टेशन अंडरग्राउंड (भूमिगत) होंगे। अंडरग्राउंड स्टेशनों में से एक प्रस्तावित एयरपोर्ट टर्मिनल के नीचे होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों को सीधा और तेज़ कनेक्शन मिल सकेगा।

यह रूट शहर के मुख्य आवासीय, व्यावसायिक, शैक्षणिक तथा औद्योगिक क्षेत्रों जैसे वीकेआई, सीतापुरा, विद्याधर नगर, टोंक रोड, आदि को आपस में जोड़ने का काम करेगा। साथ ही, सवाई मानसिंह अस्पताल, एसएमएस स्टेडियम, कलेक्ट्रेट, और प्रस्तावित इंटरस्टेट बस टर्मिनल्स जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थलों को भी मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

केंद्र सरकार से मांगी गई अंतिम स्वीकृति

मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इस DPR को मेट्रो रेल नीति 2017 के तहत केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के पास अंतिम स्वीकृति हेतु भेजा गया है। जैसे ही केंद्र से मंजूरी प्राप्त होगी, निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में इस परियोजना की घोषणा की थी और अब उसे अमल में लाया जा रहा है।

इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की कुल लागत 12,260 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने ऋण प्रदान करने की सहमति दी है। परियोजना का संचालन और क्रियान्वयन राजस्थान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (RMRC) के माध्यम से किया जाएगा, जो कि केंद्र और राज्य सरकार की 50:50 साझेदारी में स्थापित संयुक्त उपक्रम है।

शहर की गति बदलेगी, निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन

जयपुर मेट्रो फेज-2 का यह रूट न केवल शहर में यातायात का चेहरा बदलेगा बल्कि शहरी विकास, व्यापारिक गतिविधियों और निवेश के नए द्वार भी खोलेगा। मेट्रो की सुविधा से जहां एक ओर ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। साथ ही, एयरपोर्ट, स्टेडियम, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ने से लोगों की दैनिक यात्रा ज्यादा सुगम और समयबद्ध होगी।

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