गोरखपुर जीआरपी ने रेलवे स्टेशन के पास सक्रिय एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोरी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन नाबालिग शामिल हैं।
उत्तरप्रदेश: गोरखपुर रेलवे स्टेशन और उसके आसपास यात्रियों के मोबाइल फोन चोरी कर बेचने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर जीआरपी ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस गिरोह में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से 23 चोरी के मोबाइल फोन और 4000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। बरामद मोबाइल फोनों की अनुमानित कीमत 10 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
शनिवार को जीआरपी थाना परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीओ जीआरपी विनोद सिंह ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की। सुराग मिलने के बाद रेलवे स्टेशन के गेट नंबर एक के पास पीपल के पेड़ के नीचे संदिग्धों को घेराबंदी कर पकड़ा गया।
गिरफ्त में आए आरोपितों की पहचान और नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपितों में झारखंड के साहेबगंज जिले के तलझाड़ी थाना अंतर्गत नया टोला महराजपुर निवासी प्रिंस कुमार और सुरेश कुमार महतो शामिल हैं। इनके साथ ही तीन नाबालिग भी गिरफ्तार किए गए हैं, जो झारखंड, बिहार और गोरखपुर के चिलुआताल इलाके के निवासी हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने खुलासा किया कि वे खासतौर पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, ट्रेन, बस स्टॉप, सब्जी मंडी आदि में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
वे बच्चों का इस्तेमाल यात्रियों के झोले और जेब से मोबाइल फोन चुराने के लिए करते थे। चोरी के बाद ये मोबाइल झारखंड और पश्चिम बंगाल में सस्ते दामों पर बेच दिए जाते थे।
नाबालिगों का किया जा रहा था गलत इस्तेमाल
इस गिरोह का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि इसमें नाबालिगों को बतौर हथियार इस्तेमाल किया जा रहा था। आरोपित वयस्क सदस्य बच्चों को प्रशिक्षण देकर मोबाइल चोरी कराते थे, ताकि यदि कभी पकड़े भी जाएं तो उम्र का फायदा मिले और कानूनी प्रक्रिया से बच निकलें। पकड़े गए तीनों नाबालिगों को बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया है जबकि प्रिंस और सुरेश को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने गोरखपुर जिले में अब तक 150 से अधिक मोबाइल फोन चोरी करने की बात कबूल की है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इन मोबाइलों का उपयोग किसी आपराधिक गतिविधि या साइबर अपराध में किया गया है। फिलहाल गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। सीओ विनोद सिंह ने बताया कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा और गिरोह की जड़ों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।