समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जहां पहले से ही उन पर संभल में दंगा भड़काने की जांच चल रही है, अब बिजली विभाग ने उन पर ₹1.91 करोड़ का भारी-भरकम जुर्माना ठोक दिया है।
संभल: समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक ओर जहां उन पर दंगा भड़काने के मामले की जांच जारी है, वहीं अब बिजली विभाग ने उन्हें 1.91 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना थमा दिया है। यह जुर्माना उनके आवास पर कथित रूप से बिजली चोरी के मामले में लगाया गया है।
बिजली विभाग की तरफ से भेजे गए अंतिम नोटिस में साफ कर दिया गया है कि अब उनके पास केवल दो ही विकल्प हैं – या तो इस जुर्माने को अदा करें या फिर अदालत की शरण लें। इस मामले ने संभल समेत पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है।
कैसे हुआ खुलासा?
पूरा मामला दिसंबर 2023 का है, जब बिजली विभाग की टीम ने सांसद जिया उर रहमान बर्क के आवास पर औचक छापा मारा था। जांच के दौरान टीम को दो मीटर मिले, एक सांसद जिया उर रहमान के नाम और दूसरा उनके दादा और पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के नाम पर। चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों मीटरों में खपत बिल्कुल शून्य थी, जबकि उस घर में नियमित रूप से बिजली का भारी उपयोग होता है। इसी आधार पर विभाग ने गहन जांच की और पाया कि बड़े पैमाने पर बिजली की चोरी की जा रही थी।
जुर्माने की गणना कैसे हुई?
बिजली विभाग ने मामले की तकनीकी और आर्थिक जांच के बाद यह तय किया कि कुल मिलाकर 1.91 करोड़ रुपये की बिजली का अवैध उपयोग किया गया है। इसके आधार पर सांसद पर जुर्माना लगाया गया, जो अब तक न तो अदा किया गया है और न ही किसी तरह की कानूनी आपत्ति दर्ज कराई गई है। संभल के अधिशासी अभियंता नवीन गौतम के अनुसार, हमने उन्हें पहले भी नोटिस भेजा था लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया, तो अब अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि अब भी भुगतान नहीं होता है, तो हम आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी करेंगे।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इसे प्रशासन की साजिश बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन उन्हें राजनीतिक दबाव में फंसा रहा है और उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। सांसद का कहना है, मुझे बेवजह इस मामले में फंसाया जा रहा है। यह पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। मैं कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा हूं और जल्द ही अदालत में अपील करूंगा। हालांकि, उनकी ओर से अभी तक बिजली विभाग को कोई आधिकारिक जवाब नहीं भेजा गया है।
जुर्माना न भरने पर क्या होंगे परिणाम?
अगर सांसद यह जुर्माना नहीं भरते हैं और न ही अदालत में चुनौती देते हैं, तो बिजली विभाग कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू करेगा। इसमें बैंक खाते सीज़ करना, संपत्ति कुर्की और बिजली आपूर्ति काटने जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह पहला मामला नहीं है जब जिया उर रहमान बर्क विवादों में घिरे हों। इससे पहले भी उन पर सांप्रदायिक बयानबाजी और संभल में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप लगे हैं। फिलहाल, इन मामलों की जांच चल रही है।