उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने शासकीय आवास पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को शासकीय आवास पर आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए राज्य में सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। बैठक के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार, अवैध धर्मांतरण, अतिक्रमण और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा पर खास ध्यान देते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि इन मामलों में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। उन्होंने अफसरों से कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए जमीनी स्तर पर काम में तेजी लाएं।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख, तुरंत हो कार्रवाई
सीएम धामी ने विशेष रूप से भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि यह विकास की सबसे बड़ी बाधा है और इसे जड़ से समाप्त करना उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी स्तर पर अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसकी जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार के खिलाफ जनता का विश्वास बनाए रखना तभी संभव है जब भ्रष्ट आचरण के विरुद्ध त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की जाए।
धर्मांतरण पर चौकसी और निगरानी
धर्मांतरण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की और कहा कि अवैध धर्मांतरण की किसी भी कोशिश को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए और जहां कहीं भी धर्मांतरण से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियां दिखें, वहां बिना देर किए कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
धामी ने सत्यापन अभियान को और अधिक मजबूत करने पर भी जोर दिया और कहा कि "जो भी व्यक्ति या संस्था अवैध तरीकों से लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करती है, उस पर कड़ी निगरानी रखी जाए और दोषी पाए जाने पर कठोर दंड दिया जाए।"
अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में न हो ढिलाई
राज्य में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान न केवल जारी रहना चाहिए, बल्कि और अधिक प्रभावशाली तरीके से चलाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है, उन पर दोबारा कब्जा न हो, इसकी पूरी निगरानी होनी चाहिए।
सीएम ने शत्रु संपत्तियों पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही और कहा कि उनके अतिक्रमण से जुड़े मामलों की जल्द रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके।
दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूरी
मुख्यमंत्री ने आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया में भी पूरी पारदर्शिता और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना उचित पहचान और सत्यापन के किसी को भी दस्तावेज जारी न किए जाएं। इस संदर्भ में उन्होंने संबंधित विभागों को जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही। सीएम धामी ने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाए।सीमा क्षेत्र में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या तस्करी जैसी किसी भी संदिग्ध हरकत पर तुरंत एक्शन होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता के बीच जाएं, फील्ड में रहकर लोगों की समस्याओं को समझें और उसका समाधान करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन को जवाबदेह, संवेदनशील और जनता के प्रति उत्तरदायी बनाना ही सुशासन की असली पहचान है।