नेटफ्लिक्स पर 9 मई 2025 को रिलीज़ हुई बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज ‘द रॉयल्स’ ने दर्शकों को उम्मीदें तो बहुत दी थीं, लेकिन असल में ये सीरीज एक बेहद उलझी हुई और अतिशय ड्रामे से भरी प्रस्तुति बनकर सामने आई।
मूवी रिव्यू
- नाम: द रॉयल्स (वेब सीरीज)
- रेटिंग : 🌟🌟 (2/5)
- कलाकार : ईशान खट्टर , भूमि पेडनेकर , जीनत अमान , साक्षी तंवर , विहान सामत, नोरा फतेही , काव्या त्रेहान, मिलिंद सोमन , डीनो मोरेया , लीसा मिश्रा , सुमुखी सुरेश
- निर्देशक : प्रियंका घोष
- रिलीज डेट : May 09, 2025
- प्लेटफॉर्म : नेटफ्लिक्स (Netflix)
- भाषा : हिंदी
- बजट : N/A
एंटरटेनमेंट: ओटीटी या सिल्वर स्क्रीन पर राजा-महाराजाओं और उनके शाही अंदाज को लेकर दर्शकों की दिलचस्पी हमेशा बनी रही है। 2 मई को रिलीज हुई निम्रत कौर और रिद्धि डोगरा स्टारर ‘कुल’ के बाद अब नेटफ्लिक्स पर 9 मई 2025 को ‘द रॉयल्स’ ने दस्तक दी है। ईशान खट्टर और भूमि पेडनेकर की मुख्य भूमिका वाली इस वेब सीरीज में राजशाही और आमजन की टकराहट के साथ-साथ पावर, इमोशन और राजनीति की जटिल परतें देखने को मिलती हैं।
8 एपिसोड की इस सीरीज में दमदार अभिनय के साथ-साथ शानदार प्रोडक्शन वैल्यू, आकर्षक कॉस्ट्यूम्स और मजबूत स्क्रीनप्ले इसे और खास बनाते हैं। यदि आप ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पॉलिटिकल ड्रामा पसंद करते हैं, तो ‘द रॉयल्स’ देखने के लिए 6 से 7 घंटे निकालना बिल्कुल वर्थ माना जा सकता है।
शुरुआत में दिलचस्प, पर जल्द ही कहानी हुई धुंधली
सीरीज की शुरुआत एक महत्वाकांक्षी महिला सोफिया शेखर (भूमि पेडनेकर) से होती है, जो अपने बिजनेस को ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है। श्रीलंका के समुद्र किनारे एक रनिंग सीन में वह अविराज (ईशान खट्टर) से टकराती है, जो बाद में पता चलता है कि एक रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखता है। यहां तक सब कुछ ठीक है, लेकिन जैसे-जैसे एपिसोड्स आगे बढ़ते हैं, कहानी बिखरती जाती है।
मोरपुर की शाही कहानी या ओवरडोज ड्रामा?
राजस्थान के काल्पनिक शहर मोरपुर में सेट यह सीरीज शाही परिवार की एक अजीब सी उलझन भरी जिंदगी को दिखाती है। महारानी (साक्षी तंवर) की शादी एक समलैंगिक पुरुष से होती है, लेकिन वो बॉम्बे के एक सुपरस्टार से अफेयर में है। वहीं उनके बेटे-बेटियों को विरासत में मिला कर्ज और टूटती शानो-शौकत एक गंभीर मुद्दा बन सकता था, पर स्क्रिप्ट इसे भी ड्रामे में बदल देती है।
ईशान खट्टर के ‘महाराजा’ बनने की नाकाम कोशिश
ईशान खट्टर भले ही युवा और प्रतिभाशाली एक्टर हैं, लेकिन ‘द रॉयल्स’ में उनकी प्रस्तुति एक परिपक्व महाराजा के किरदार से कोसों दूर लगती है। उनका शर्टलेस घूमना, शराब पीना और लापरवाही भरा अंदाज़, एक रॉयल कैरेक्टर की गरिमा को पूरी तरह तोड़ देता है। भूमि पेडनेकर का किरदार भी उलझा हुआ है। वह बिजनेस और इमोशन के बीच झूलती रहती हैं।
कहीं वह अविराज से प्यार करती हैं, तो कहीं वह अपने बिजनेस प्लान में रम जाती हैं। उनके फनी और इंटीमेट सीन असहज और बनावटी लगते हैं, जिससे दर्शक जुड़ नहीं पाते। सीरीज की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें दिग्गज अभिनेत्री जीनत अमान को सिर्फ एक कॉमिक टच के लिए इस्तेमाल किया गया है। उनका किरदार हवाई बातें करता है, जिनका न तो कोई भावनात्मक गहराई है, न ही स्क्रिप्ट से कोई जुड़ाव। उनके डायलॉग बस शोर करते हैं, असर नहीं डालते।
मल्टीस्टारकास्ट में हर किरदार अधूरा
‘द रॉयल्स’ में कई नामी कलाकार हैं – साक्षी तंवर, मिलिंद सोमन, विहान सामत, रजत कपूर जैसे। लेकिन हर किरदार अधूरा लगता है। ना उनकी कहानियां पूरी होती हैं, ना भावनाएं। सब कुछ एक ही थाली में परोस दिया गया है – जिसमें स्वाद तो है, पर संतुलन नहीं। इस सीरीज की सबसे बड़ी कमजोरी है इसकी स्क्रिप्ट और निर्देशन।
इतना बड़ा और संभावनाओं से भरा विषय – रॉयल फैमिली का मौजूदा दौर में संघर्ष – को हास्य, सेक्सुअल टेंशन और ओवरडोज ड्रामे से भर देना, इसे बर्बाद कर देता है। कहीं कोई गहराई नहीं है, न ही कोई स्पष्ट मैसेज। अगर आप जीनत अमान के फैन हैं, या भूमि पेडनेकर और ईशान खट्टर की केमिस्ट्री देखने की उम्मीद करते हैं, तो शायद निराशा हाथ लगेगी।