ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के तेजी से विस्तार के बाद अब दर्शक पारंपरिक सिनेमा की तुलना में ओटीटी को ज्यादा महत्व देने लगे हैं। ओटीटी ने मनोरंजन के विकल्पों को काफी बढ़ा दिया है, जिससे दर्शकों को घर बैठे विभिन्न प्रकार का कंटेंट देखने का मौका मिलता है।
OTT Content: डिजिटल मनोरंजन की दुनिया में ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म का बढ़ता दबदबा एक बड़ी कहानी है, लेकिन 2024 में इस क्षेत्र में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली है। ईवाई (Ernst & Young) और एफआईसीसीआई (FICCI) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में प्रीमियम ओटीटी कंटेंट की खपत में करीब 12 प्रतिशत की कमी आई है।
यह रिपोर्ट बताती है कि जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने दर्शकों के लिए विकल्पों का दायरा बढ़ाया है, लेकिन साथ ही उन्हें उत्पादन लागत और प्रतिस्पर्धा के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ओटीटी कंटेंट खपत में गिरावट का कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में प्रीमियम ओटीटी कंटेंट की गिरावट का मुख्य कारण है प्लेटफॉर्म्स द्वारा अपने उत्पादन बजट में कटौती। कंपनियां महंगे प्रोडक्शन से बचकर कम लागत में बेहतर क्वालिटी का कंटेंट बनाने पर फोकस कर रही हैं। इसका मकसद मुनाफे को बनाए रखना और बढ़ती प्रतिस्पर्धा में टिके रहना है।
इसके अलावा, पे-टीवी होम्स (पारंपरिक केबल और सेटेलाइट टीवी वाले घर) की संख्या में कमी आना भी इस गिरावट का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। पे-टीवी होम्स में गिरावट का मतलब है कि कुछ दर्शक अब भी पारंपरिक टीवी पर ही निर्भर हैं और पूरी तरह से ओटीटी पर शिफ्ट नहीं हुए हैं। यह दर्शाता है कि OTT की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, टीवी दर्शकों का बड़ा हिस्सा अभी भी पारंपरिक माध्यमों को प्राथमिकता देता है।
कंटेंट की मात्रा में भी आई कमी
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रीमियम कंटेंट की मात्रा में कमी आई है। 2024 में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सिर्फ लगभग 60 फिल्में सीधे रिलीज़ हुईं, जबकि लगभग 500 फिल्में बाद में ओटीटी पर उपलब्ध कराई गईं। कुल मिलाकर, पूरे साल 1600 से अधिक फिल्में रिलीज़ हुईं, जो पिछले साल की तुलना में 64 फिल्में अधिक हैं। इससे यह साफ होता है कि अधिकांश फिल्में अभी भी पहले सिनेमाघरों में रिलीज़ होती हैं, फिर बाद में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आती हैं।
ओटीटी पर क्षेत्रीय भाषा का कंटेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में ओटीटी पर रिलीज हुए कुल कंटेंट का लगभग 48 प्रतिशत हिस्सा रीजनल भाषाओं का था। इस कंटेंट को डब करके भी कई दर्शकों तक पहुंचाया गया। यह दर्शाता है कि भारतीय दर्शक अब अपनी मातृभाषा में मनोरंजन सामग्री पसंद कर रहे हैं, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए एक बड़ा अवसर है।
2025 में कंटेंट की स्थिति कैसी रहेगी?
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में ओटीटी कंटेंट की मात्रा में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन प्रोडक्शन लागत पर दबाव बना रहेगा। इसका मतलब यह है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स बेहतर कंटेंट बनाने के लिए नए तरीके खोजेंगे, लेकिन खर्चों को सीमित रखने की कोशिश जारी रखेंगे। रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भारत में बड़े स्क्रीन वाले घरों की संख्या 2030 तक 200 मिलियन से पार कर जाएगी।
वहीं, स्मार्टफोन जैसी छोटी स्क्रीन वाले घर लगभग 700 मिलियन तक पहुंच जाएंगे। इससे साफ होता है कि डिजिटल कंटेंट का उपभोग विभिन्न स्क्रीन साइज़ पर तेजी से बढ़ेगा। इसके अलावा, 2027 तक सब्सक्राइबर होम्स की संख्या 47 मिलियन से बढ़कर 65 मिलियन से अधिक हो जाएगी, जो ओटीटी की लोकप्रियता का संकेत है।