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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा बदलाव, डिफेंस बजट में 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाने की तैयारी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा बदलाव, डिफेंस बजट में 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाने की तैयारी
अंतिम अपडेट: 18-05-2025

ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में भारत ने बिना सीमा पार किए बेहद सटीक और प्रभावी कार्रवाई की, जिसमें पूरी तरह घरेलू तकनीक का उपयोग किया गया। इसके परिणामस्वरूप, सरकार अब रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि करने पर विचार कर रही है। यह कदम देश की सैन्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और 'मेक इन इंडिया' पहल को और मजबूती देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार डिफेंस बजट में 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह अतिरिक्त राशि सप्लिमेंट्री बजट के जरिए जारी की जाएगी, जिससे वित्त वर्ष 2025-26 का कुल रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6.81 लाख करोड़ रुपये का डिफेंस बजट रखा था, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के 6.22 लाख करोड़ रुपये से लगभग 9.2% ज्यादा था।

संसद में डिफेंस बजट बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश होगा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि सरकार डिफेंस बजट में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि करती है, तो यह राशि रक्षा क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हथियार, गोला-बारूद और अन्य जरूरी सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए खर्च की जाएगी। इस अतिरिक्त फंड को मंजूरी देने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में संसद में प्रस्ताव लेकर आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से रक्षा क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया है। उस समय रक्षा मंत्रालय का बजट 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तीन गुना से भी अधिक बढ़कर पहुंच चुका है।

पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को मिला सटीक जवाब

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या की थी। इस घटना के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया। इस ऑपरेशन की खासियत यह थी कि भारत ने एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) या अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना ही आतंकियों को एक रणनीतिक और तकनीक-आधारित सटीक जवाब दिया।

‘मेक इन इंडिया’ की शक्ति का प्रदर्शन

इस ऑपरेशन में भारत ने पूरी तरह देशी तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसमें ड्रोन युद्ध प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और बहु-स्तरीय हवाई रक्षा सिस्टम शामिल थे। सरकार ने इसे देश की सैन्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना। ऑपरेशन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अन्य देशों से हथियार खरीदना अपनी सुरक्षा पर भरोसा छोड़ने जैसा है, जो स्थायी समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने घरेलू रक्षा उत्पादन को प्राथमिकता देते हुए इसे लंबी अवधि की सुरक्षा रणनीति बताया।

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