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भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे AAP विधायक रमन अरोड़ा, विजिलेंस की सख्त कार्रवाई

पंजाब में AAP विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। पार्टी ने कहा, भ्रष्टाचार करने वाला कोई भी हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

Punjab: 23 मई को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। रमन अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने नगर निगम अधिकारियों के ज़रिए नोटिस भिजवाकर रिश्वत ली और फिर उन नोटिस को खत्म करवा दिया। इस केस में पहले से ही जालंधर नगर निगम के पूर्व सहायक नगर नियोजक सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी हो चुकी है।

कैसे शुरू हुआ मामला?

पिछले कुछ समय से रमन अरोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू की और शुक्रवार को उनके जालंधर स्थित घर पर छापा मारा। जांच के बाद अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया।

सिक्योरिटी हटने से शुरू हुआ शक

कुछ हफ्तों पहले ही पंजाब पुलिस ने विधायक रमन अरोड़ा की सिक्योरिटी वापस ले ली थी। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार की नजर उन पर है। अब विजिलेंस द्वारा की गई यह कार्रवाई उसी दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

कौन हैं रमन अरोड़ा?

रमन अरोड़ा जालंधर सेंट्रल सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल कर विधानसभा में कदम रखा था। पार्टी में उन्हें प्रभावशाली नेता माना जाता रहा है। मगर भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी राजनीतिक छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

AAP का कड़ा रुख: 'अपना हो या पराया, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं'

इस गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "चाहे कोई अपना हो या पराया, अगर किसी ने भ्रष्टाचार किया है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।"

उन्होंने आगे कहा, "आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ है। इसलिए हमारे लिए यह मुद्दा केवल कानून का नहीं बल्कि पार्टी की नैतिकता का है। अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान का साफ निर्देश है कि कोई भी भ्रष्टाचारी चाहे वो किसी भी पद पर क्यों न हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।"

क्या है पूरा मामला?

जांच के मुताबिक, रमन अरोड़ा पर आरोप है कि वे नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर लोगों को नोटिस भिजवाते थे और फिर उनसे पैसे लेकर उन नोटिस को खत्म करवाते थे। यह एक संगठित भ्रष्टाचार का मामला बनता दिख रहा है, जिसमें सरकारी पद का दुरुपयोग हुआ है।

सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी से खुली परतें

इस केस में सबसे पहले नगर निगम के पूर्व सहायक नगर नियोजक सुखदेव वशिष्ठ को गिरफ्तार किया गया था। विजिलेंस की पूछताछ में उन्होंने कथित तौर पर यह खुलासा किया कि इस पूरे खेल के पीछे विधायक रमन अरोड़ा की भूमिका थी। इसके बाद विजिलेंस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए रमन अरोड़ा पर शिकंजा कसा।

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