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जामिया नगर निवासियों को बड़ी राहत, यूपी सरकार के बुलडोजर पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जामिया नगर निवासियों को बड़ी राहत, यूपी सरकार के बुलडोजर पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जामिया नगर के 115 निवासियों को राहत, हाईकोर्ट ने यूपी सिंचाई विभाग के ध्वस्तीकरण नोटिस पर रोक लगाई। अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी।

UP News: दिल्ली के ओखला इलाके में स्थित जामिया नगर के करीब 115 निवासियों ने हाल ही में एक बड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के ध्वस्तीकरण के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में निवासियों ने उस आदेश को रोकने की मांग की थी जिसमें उनके घर और दुकानें ध्वस्त किए जाने की बात कही गई थी। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इन निवासियों को राहत देते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगली सुनवाई तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

क्या था मामला?

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने जामिया नगर के मुरादी रोड, खिजर बाबा कॉलोनी में खसरा संख्या 277 में स्थित संपत्तियों पर अवैध निर्माण होने का दावा करते हुए 22 मई को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में कहा गया था कि ये मकान और दुकानें सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से बनाई गई हैं, इसलिए इन्हें 15 दिनों के भीतर हटाना आवश्यक है। नोटिस में यह भी कहा गया कि अगर इन संपत्तियों को नहीं हटाया गया तो विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा।

निवासियों की चुनौती और हाईकोर्ट का फैसला

जामिया नगर के 115 निवासियों ने इस ध्वस्तीकरण के आदेश को गैरकानूनी बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनका तर्क था कि यह भूमि उनकी वैध संपत्ति है और बिना उचित प्रक्रिया के उनका मकान या दुकान ध्वस्त करना न्यायसंगत नहीं होगा। हाईकोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक कोई भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करेगा। यह सुनवाई अगस्त में होगी।

ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया क्यों विवादित?

अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि जामिया नगर की यह जमीन सिंचाई विभाग की है और यहां पर बने मकान और दुकानें अवैध हैं। ऐसे मामलों में अक्सर स्थानीय प्रशासन और सिंचाई विभाग जैसी सरकारी एजेंसियों के बीच टकराव देखने को मिलता है। ऐसे विवादों में लोगों के घर-बार ध्वस्त हो सकते हैं, जो कि उनकी जिंदगी पर गहरा असर डालता है। इसीलिए कोर्ट ने फिलहाल इस विवाद को शांत करने के लिए रोक लगाई है ताकि मामले की पूरी जांच हो सके और सही फैसला लिया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई तय

दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका के अलावा, जामिया नगर के निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में भी ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिका दाखिल की है। पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट के पास भेजा था, लेकिन अब शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ में चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टिन जार्ज मसीह इस मामले की सुनवाई करेंगे।

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