Chicago

पी. चिदंबरम का I.N.D.I.A गठबंधन पर गहराता अविश्वास, मोदी सरकार की तारीफ के बाद उठे सवाल

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विपक्षी गठबंधन इंडी (I.N.D.I.A) की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह गठबंधन कमजोर पड़ गया है। 

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उन्हें इस बात का भरोसा नहीं है कि यह गठबंधन अभी भी पूरी मजबूती से कायम है। चिदंबरम की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति और पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर की गई सराहना पहले से ही पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े कर रही है।

पी. चिदंबरम ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, अगर यह गठबंधन पूरी तरह से कायम है तो मुझे खुशी होगी, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं लगता। यह अब कुछ कमजोर होता दिख रहा है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और I.N.D.I.A की वार्ता समिति के सदस्य सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे।

'संघर्ष की राह पर है विपक्ष, लेकिन एकजुटता नहीं दिख रही'

चिदंबरम ने आगे कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन को एक बड़ी राजनीतिक शक्ति यानी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मुकाबला करना है, और इसके लिए संगठनात्मक स्तर पर एकजुटता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, इतिहास में शायद ही कोई राजनीतिक दल इतनी संगठित और संसाधनयुक्त रही हो जितनी आज की बीजेपी है। उसके पास एक सशक्त चुनावी मशीन है जो हर मोर्चे पर रणनीतिक रूप से काम कर रही है।

चिदंबरम के मुताबिक, यदि विपक्ष को इस मजबूत सत्ता संरचना से टक्कर लेनी है तो केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। “इस गठबंधन को अभी भी एकजुट किया जा सकता है। समय अभी गया नहीं है, लेकिन गंभीर प्रयासों की जरूरत है, उन्होंने कहा।

गठबंधन की ‘जमीनी हकीकत’ पर उठे सवाल

चिदंबरम के बयान से यह भी संकेत मिला कि उन्हें I.N.D.I.A गठबंधन की संरचना और कार्यप्रणाली पर विश्वास नहीं रह गया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि केवल घोषणाएं और नामकरण से कोई राजनीतिक ताकत नहीं बनती, जब तक कि ज़मीनी स्तर पर उसकी पकड़ न हो। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब I.N.D.I.A गठबंधन के भीतर कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है। 

सीट बंटवारे से लेकर राज्य स्तरीय नेतृत्व तक, गठबंधन को कई मोर्चों पर मतभेद का सामना करना पड़ा है। बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल जैसे राज्यों में मतभेद खुले तौर पर सामने आ चुके हैं।

मोदी सरकार की तारीफ और कांग्रेस के अंदरुनी हालात

चिदंबरम से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर सीजफायर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार की यह पहल सकारात्मक है और इससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी। थरूर की इस टिप्पणी के बाद अब चिदंबरम द्वारा मोदी सरकार की चुनावी मशीनरी की ताकत को खुलकर स्वीकार करना इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस के भीतर एक ऐसा वर्ग उभर रहा है जो सरकार की रणनीति को लेकर आलोचना करने की बजाय यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाने की ओर बढ़ रहा है।

क्या कांग्रेस में मतभेद गहराते जा रहे हैं?

चिदंबरम और थरूर दोनों कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में शामिल हैं, और जब ये नेता सार्वजनिक रूप से सरकार की रणनीतियों की तारीफ करने लगते हैं और विपक्षी गठबंधन पर सवाल उठाते हैं, तो यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस के अंदर वैचारिक और रणनीतिक असहमति का दौर चल रहा है। सलमान खुर्शीद, जो I.N.D.I.A की वार्ता समिति में हैं, उन्होंने चिदंबरम की टिप्पणी पर खुलकर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि संघर्ष लंबा है और हर किसी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनका यह बयान भी इस बात की पुष्टि करता है कि गठबंधन की दिशा और दशा को लेकर अभी भी स्पष्टता नहीं है।

Leave a comment