राजस्थान से पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस कासिम लाहौर में ISI से ट्रेनिंग लेकर भारतीय सेना की जासूसी कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने उससे पूछताछ की।
New Delhi: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर भारतीय सेना की जासूसी करने वाले एक पाकिस्तानी जासूस को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम कासिम है, जिसने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। कासिम ने कबूला कि उसने लाहौर में ट्रेनिंग ली थी और भारत में सेना की गतिविधियों पर नजर रखने का काम कर रहा था। कासिम से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की गहरी साजिश का खुलासा हुआ है।
कैसे बना कासिम ISI का मोहरा?
जांच एजेंसियों के मुताबिक, कासिम को पाकिस्तान के लाहौर में एक आर्मी कैंप में ISI अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग देने वाले तीन अधिकारियों में से दो के कोड नेम "शाह जी" और "ताऊ जी" थे, जबकि तीसरे का नाम विकास बताया गया है। ट्रेनिंग के बाद कासिम को भारत भेजा गया, जहां उसका काम भारतीय सेना के स्टेशन और आर्मी मूवमेंट पर नजर रखना था।
सेना की मूवमेंट की जासूसी कर रहा था कासिम
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अनुसार, कासिम राजस्थान के अलवर में सेना के स्टेशन और आर्मी गाड़ियों की मूवमेंट पर नजर रख रहा था। वह आर्मी की गाड़ियों की टाइमिंग नोट करता था और उनकी तस्वीरें खींचकर पाकिस्तान भेजता था। कासिम के निशाने पर भारतीय सेना की गोपनीय जानकारियां थीं, जिन्हें वह ISI तक पहुंचा रहा था।
कासिम की गिरफ्तारी से जुड़े अहम तथ्य
स्पेशल सेल की पूछताछ में यह सामने आया है कि कासिम अकेला नहीं था, बल्कि उसके साथ दो और आरोपी थे, जिनमें एक का नाम हसीन है। हसीन फिलहाल फरार है और उसकी तलाश के लिए दिल्ली पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।
दिल्ली पुलिस कासिम से यह भी पूछताछ कर रही है कि उसकी भर्ती कैसे हुई? किसने उसे ISI के लिए काम करने के लिए तैयार किया? साथ ही यह जानने की कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान में उसकी ट्रेनिंग कब और कितनी अवधि तक चली? कासिम से यह भी पूछा जा रहा है कि उसे जासूसी के बदले कितने पैसे मिलते थे और वह पैसे किस माध्यम से मिलते थे?
पाकिस्तान में ट्रेनिंग और भारत में जासूसी का काला नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि कासिम ISI के हैंडलर्स से कॉल, ऐप्स और एन्क्रिप्टेड माध्यम से संपर्क करता था। भारत में पिछले कुछ समय में कई पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार काम कर रही हैं। कासिम से जुड़े सभी लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है ताकि इस जासूसी रैकेट की जड़ तक पहुंचा जा सके।
कासिम के परिवार और बैकग्राउंड की जांच
कासिम राजस्थान के डीग के गंगौरा गांव का रहने वाला है। जांच में सामने आया है कि वह पहले दिल्ली में भी रह चुका है। कासिम के खिलाफ पहले भी अपराधिक मामले दर्ज हैं। वह किडनैपिंग के एक केस में पांच साल तिहाड़ जेल में रह चुका है। कासिम के घर से सीसीटीवी कैमरे भी बरामद हुए हैं।
कासिम का भाई हसीन भी ISI के लिए काम कर रहा था, हालांकि पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर पाई है। इसके अलावा उसका चचेरा भाई अफजल गांव में एक मदरसा बनवा रहा था, जिसके लिए वह फंडिंग इकट्ठा कर रहा था। अफजल और एक और चचेरा भाई इश्तियाक भी इस मामले में संदेह के घेरे में हैं।
कई जगहों पर की जासूसी?
स्पेशल सेल यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कासिम ने अलवर के अलावा किसी और जगह की जासूसी की थी। कासिम ने अलवर स्टेशन की जानकारियां किसे भेजीं और किस तरह से भेजीं, इसकी भी जांच की जा रही है।