Chicago

राज ठाकरे का बड़ा बयान: ‘ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश, लेकिन यह...’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने बड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र से ठाकरे और पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इस बयान के जरिए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी की आलोचना की है।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राज ठाकरे ने साफ कहा है कि वर्तमान समय में महाराष्ट्र से ठाकरे और पवार परिवार के ब्रांड को खत्म करने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन वे यह भी दावा करते हैं कि यह ब्रांड कभी खत्म नहीं हो सकता। उनका यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उनके सहयोगियों की रणनीति पर निशाना माना जा रहा है।

ठाकरे-पवार ब्रांड पर खतरे की आशंका

राज ठाकरे ने ‘मुंबई तक’ नामक कार्यक्रम में यह बात कही। जब उनसे पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे और पवार नाम के ब्रांड को खत्म करने का प्रयास हो रहा है, तो उन्होंने बिना हिचकिचाए इसका पुष्टि करते हुए कहा, इसमें कोई विवाद नहीं है कि ठाकरे-पवार ब्रांड को खत्म करने की कोशिश हो रही है। जरूर, लेकिन यह खत्म नहीं होगा।

राज ठाकरे के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे महाराष्ट्र की राजनीति में अपने परिवार और पवार परिवार की पहचान को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कितनी भी कोशिशें हों, इन दोनों ब्रांड्स की गहरी जड़ें हैं, जिन्हें मिटाया नहीं जा सकता। यह राजनीतिक परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में दशकों से स्थापित और प्रभावशाली हैं, और उनके समर्थकों का विश्वास अभी भी मजबूत है।

हिंदी भाषा पर खुला मोर्चा

राज ठाकरे ने इससे पहले भी महाराष्ट्र सरकार की नई शिक्षा नीति में हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य नहीं बनने देंगे। इस मुद्दे पर उन्होंने मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए मोर्चा खोला था, जो उनके राजनीतिक एजेंडे का अहम हिस्सा भी माना जाता है।

हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने के सरकार के प्रयासों के विरोध के बाद आखिरकार सरकार ने इस फैसले को वापस भी लेना पड़ा था। इस कदम से राज ठाकरे की छवि मराठी हितों के सच्चे प्रहरी के रूप में मजबूत हुई।

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का राजनीतिक समीकरण

महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से चर्चा चल रही है कि राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे एक साथ आ सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच सामंजस्य के संकेत मिल रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने यह साफ किया है कि अगर राज ठाकरे बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से दूरी बनाकर चलते हैं, तो उनके बीच कोई विवाद नहीं रहेगा।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में भी दावा किया गया है कि राज ठाकरे मराठी जनता के हितों की आवाज़ उठाते रहे हैं, और शिवसेना का भी जन्म मराठी हित के लिए हुआ था। उद्धव ठाकरे ने भी इस दिशा में काम किया है, इसलिए दोनों के बीच मेलजोल संभव है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने की संभावना ने राजनीतिक विरोधियों के लिए चिंता बढ़ा दी है। ‘सामना’ ने इसे महाराष्ट्र विरोधी ताकतों को बड़ा झटका बताया है।

महाराष्ट्र की राजनीति में नया समीकरण

राज ठाकरे के बयान और उनके साथ शिवसेना (यूबीटी) के करीबी होने की खबरों के बीच महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है। पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी के दबदबे के बीच मराठी राजनीतिक दलों की वापसी के लिए यह एक बड़ा मौका हो सकता है। राज ठाकरे की ताकत उनके मराठी तत्त्व और स्थानीय जनाधार में निहित है, जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास भी बड़ी जनसमर्थन है। दोनों के एकजुट होने से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है, जिससे बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है।

Leave a comment