शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अमेरिकी नागरिकता ली। यूनुस सरकार द्वारा पासपोर्ट रद्द होने के बाद यह कदम उठाया गया। बांग्लादेश की सियासत में हलचल।
Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अब अमेरिकी नागरिकता (US Citizenship) हासिल कर ली है। यह खबर सामने आते ही बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मच गई है। खास बात यह है कि उनका बांग्लादेशी पासपोर्ट पहले ही यूनुस सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
वाशिंगटन डीसी में ली अमेरिकी नागरिकता की शपथ
बांग्लादेश डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, सजीब वाजेद जॉय ने वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी नागरिकता केंद्र में औपचारिक रूप से अमेरिकी नागरिकता की शपथ ली। इसके साथ ही उन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र (Citizenship Certificate) भी प्रदान किया गया। इस प्रक्रिया के बाद जॉय ने अमेरिकी पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया है।
शपथ ग्रहण समारोह में 22 लोगों ने लिया भाग
जानकारी के अनुसार, उस समारोह में विभिन्न देशों के 22 नागरिकों ने अमेरिका की नागरिकता ली। इनमें तीन लोग बांग्लादेशी मूल के थे और सजीब वाजेद जॉय दूसरे नंबर पर थे, जिन्होंने शपथ ली। वह अपने साथ एक वकील को भी लाए थे, ताकि कानूनी प्रक्रियाएं आसानी से पूरी हो सकें।
क्यों लेनी पड़ी जॉय को अमेरिकी नागरिकता?
बांग्लादेश की राजनीति से जुड़े वरिष्ठ नेता और पूर्व सूचना राज्य मंत्री मुहम्मद अली अराफात ने इस मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि सजीब वाजेद जॉय के पास पहले बांग्लादेशी पासपोर्ट था, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने अवैध रूप से रद्द कर दिया था।
अराफात ने बताया कि जॉय के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड (Green Card) तो था, लेकिन इससे वह अमेरिका के बाहर यात्रा नहीं कर सकते थे। अपनी मां शेख हसीना से मिलने के लिए और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए उन्हें पासपोर्ट की जरूरत थी। इसी वजह से उन्होंने अमेरिकी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया और नागरिकता हासिल की।
बांग्लादेश की सियासत में छिड़ी नई बहस
शेख हसीना को पिछले साल अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इसके बाद वह भारत चली गईं। वहीं, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाई गई, जिसने सख्त फैसले लिए।
यूनुस सरकार ने न केवल शेख हसीना के बेटे जॉय का पासपोर्ट रद्द किया, बल्कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग (Awami League) पर भी प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता का हवाला देकर लगाया गया। यूनुस सरकार ने अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे भी चलाए।
अवामी लीग पर क्यों लगा बैन?
10 मई को यूनुस सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बांग्लादेश की सुरक्षा और संप्रभुता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (International Criminal Tribunal) के वादी और गवाहों की सुरक्षा के लिए भी यह फैसला जरूरी था।
यही नहीं, आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा भी की गई, जिसमें साइबरस्पेस में पार्टी की उपस्थिति पर भी रोक लगाई गई है।