ट्रंप के दबाव में रूस-यूक्रेन ने इस्तांबुल में शांति वार्ता की। युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी, लेकिन सीजफायर और Peace Agreement पर कोई प्रगति नहीं हुई।
Russian-Ukrainian Meeting: तीन साल से भी ज्यादा समय के बाद रूस और यूक्रेन के वार्ताकारों (Delegates) ने पहली बार तुर्की (Turkey) के इस्तांबुल (Istanbul) में आमने-सामने बैठक (Meeting) की। यह वार्ता अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दबाव (Pressure) में हुई, जिन्होंने यूरोप (Europe) के सबसे घातक संघर्ष (Deadliest Conflict) को खत्म करने के लिए कड़ी कोशिशें तेज कर दी हैं।
वार्ता में सीजफायर पर गतिरोध
रूस और यूक्रेन की इस पहली सीधी (Direct) शांति वार्ता (Peace Talks) में लगभग दो घंटे की बातचीत हुई। इसमें Prisoner Swap यानी 1,000-1,000 युद्धबंदियों (War Prisoners) की अदला-बदली पर सहमति बनी, लेकिन Ceasefire यानी युद्धविराम पर कोई ठोस समझौता नहीं हो सका।
दोनों पक्षों ने इस Swap Agreement को सकारात्मक कदम (Positive Step) माना, लेकिन शांति की दिशा में बड़ी रुकावटें अभी भी कायम हैं।
अमेरिकी दबाव में बातचीत
यह बातचीत ट्रंप प्रशासन के दबाव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) की मौजूदगी में हुई। रुबियो ने साफ कहा कि जब तक वार्ताकारों का स्तर बढ़ाया नहीं जाएगा, तब तक कोई बड़ी सफलता (Breakthrough) संभव नहीं है।
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी जोर दिया कि अगर रूस वाकई गंभीर वार्ता चाहता है, तो सबसे पहले Weapons Silence यानी हथियारों को शांत करना होगा।
तुर्की की मध्यस्थता में बैठक
इस बैठक का आयोजन तुर्की (Turkey) के शानदार डोल्माबाहचे पैलेस (Dolmabahce Palace) में हुआ। तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान (Hakan Fidan) ने कहा, "यह समय है शांति (Peace) का रास्ता चुनने का या और तबाही (Destruction) का।"
हालांकि, रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) खुद बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने मध्यम स्तर के अधिकारियों की टीम भेजी, जिसके जवाब में यूक्रेन ने भी उसी स्तर के प्रतिनिधि भेजे।
दोनों देशों की मांगें और असहमति
रूस की मुख्य मांग है कि यूक्रेन नाटो (NATO) सदस्यता की मंशा छोड़े और 'Neutral Country' का दर्जा स्वीकार करे। लेकिन यूक्रेन ने इसे आत्मसमर्पण (Surrender) जैसा मानते हुए अमेरिकी नेतृत्व में Future Security Guarantees की मांग की।
यूक्रेन का दावा है कि रूस ने अब तक करीब 6.4 लाख सैनिक यूक्रेन में तैनात कर दिए हैं और युद्ध अब Attrition War यानी थकावट के युद्ध में बदल चुका है।
वार्ता के दौरान भी युद्ध जारी, ड्नीप्रो में धमाके
वार्ता के दौरान भी यूक्रेन के ड्नीप्रो (Dnipro) शहर में धमाकों (Explosions) की खबर आई। रूस ने एक और गांव (Village) पर कब्जे का दावा किया। इससे साफ है कि On Ground Conflict और बातचीत दोनों साथ-साथ चल रहे हैं।