अमेरिकी कोर्ट में ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ्स का बचाव करते हुए भारत-पाक सीजफायर का हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने दलील अस्वीकार कर टैरिफ्स पर रोक लगा दी।
Trump: अमेरिका की इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट (International Trade Court) ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिबरेशन डे टैरिफ को अवैध करार देते हुए इस पर रोक लगा दी है। मैनहट्टन की इस कोर्ट के तीन जजों के पैनल ने यह फैसला दिया, जिससे ट्रंप की नीतियों को झटका लगा। लेकिन कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन ने एक ऐसा दावा किया, जिसने सबको चौंका दिया।
पूर्व वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कोर्ट के सामने अपने बयान में कहा कि टैरिफ की वजह से ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर संभव हो पाया।
टैरिफ और सीजफायर का कनेक्शन?
हॉवर्ड लुटनिक का कहना था कि जब अप्रैल 2020 में ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ लागू किया, तो कई देशों ने अमेरिका से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का दबाव इतना था कि भारत और पाकिस्तान जैसे देशों ने अपने व्यापार हितों की रक्षा के लिए अमेरिका से बातचीत शुरू की।
लुटनिक ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2020 में हुआ सीजफायर अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी का ही नतीजा था।
उन्होंने कहा "दो परमाणु शक्तियों के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप और टैरिफ प्रेशर के चलते ही भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए सहमत हो पाए। अगर ऐसा न होता, तो दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता था।"
ट्रंप का दावा: "हमने ट्रेड का ऑफर दिया, न्यूक्लियर वॉर रोका"
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी कई बार भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट लेते रहे हैं। उन्होंने अमेरिका-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में कहा था:
"कुछ दिन पहले हमने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने के लिए सीजफायर करवाया। मैंने ट्रेड का हवाला देते हुए कहा कि मिसाइल चलाने के बजाय, आइए डील करते हैं। मैंने दोनों देशों से कहा- आइए व्यापार करें, खूबसूरत चीजें बनाएं और एक-दूसरे को बेचें। और देखिए, उन्होंने मेरी बात मानी और जंग रोक दी।"
टैरिफ पर रोक से अमेरिका को नुकसान
अमेरिकी कोर्ट के फैसले ने ट्रंप की पॉलिसी को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि लिबरेशन डे टैरिफ अवैध है और राष्ट्रपति के पास इस तरह के टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं था।
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि अगर टैरिफ पॉलिसी न रही, तो भारत-पाकिस्तान जैसे देशों के साथ अमेरिका की बातचीत की शक्ति कमज़ोर होगी। लुटनिक ने कोर्ट में कहा कि टैरिफ हटने से भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर भी सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि ट्रंप ने दोनों देशों को ट्रेड डील का ऑफर देकर ही संघर्ष रोकवाया था।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर की सच्चाई क्या है?
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2020 को सीजफायर हुआ था। दोनों देशों के बीच लगातार 13 दिनों तक तनाव चला, जिसमें कई बार सीमा पर गोलीबारी हुई।
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि उनके हस्तक्षेप से ही यह सीजफायर हुआ, लेकिन भारत और पाकिस्तान की ओर से इस दावे की पुष्टि नहीं की गई। भारत सरकार का हमेशा से यही कहना रहा है कि वो आतंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाती है और आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।