उत्तर प्रदेश में मई का महीना हर साल भीषण गर्मी के लिए बदनाम होता है, लेकिन इस बार सूरज कुछ ज्यादा ही कहर बरपा रहा है। प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मई का महीना हर साल भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, जिससे लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। खासकर झांसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे बड़े शहर मानो 'तंदूर' में तब्दील हो गए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में लू और गर्म हवाओं के और तेज होने की संभावना जताई है, जिसके चलते लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
गर्मी के आंकड़े डराने वाले
मौसम विभाग के अनुसार 14 मई को उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। सबसे अधिक तापमान झांसी में 45.2°C, प्रयागराज में 44.6°C और कानपुर में 43.9°C रहा। इसके अलावा लखनऊ, बरेली, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, और रायबरेली जैसे शहर भी 40°C के पार पहुंचे। पश्चिमी यूपी में जहां हवा में नमी की कमी है, वहीं पूर्वी यूपी में उमस और तापमान दोनों ने मिलकर हालात और बिगाड़ दिए हैं।
दिन में सड़कों पर सन्नाटा, ऑफिस टाइम बदले
तेज धूप और लू के कारण दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। आमतौर पर भीड़भाड़ वाले बाजार जैसे लखनऊ का अमीनाबाद, कानपुर का परेड, और प्रयागराज का सुभाष चौक भी दोपहर 12 से 4 बजे के बीच सुनसान नजर आते हैं। कई निजी कार्यालयों ने अब सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक का कामकाजी समय कर दिया है, जबकि सरकारी कार्यालयों को भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि कर्मचारियों को दोपहर में अनावश्यक बाहर न भेजा जाए।
जूस और शरबत वालों की चांदी
जहां एक तरफ गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, वहीं जूस और शीतल पेय बेचने वालों की दुकानें गुलजार हो गई हैं। लखनऊ के चारबाग और प्रयागराज के रेलवे स्टेशन के बाहर गन्ने के रस और बेल शरबत की दुकानों पर लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। वाराणसी के एक स्थानीय विक्रेता संतोष यादव बताते हैं, इस समय गन्ने का रस और नींबू पानी सबसे ज्यादा बिक रहा है। दोपहर में इतनी भीड़ होती है कि मशीन रुकने का मौका नहीं मिलता।
अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़े
तेज गर्मी के कारण अस्पतालों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ने लगे हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज के अनुसार, पिछले दो दिनों में 36 लोग लू से प्रभावित होकर अस्पताल पहुंचे हैं, जिनमें से 8 को भर्ती करना पड़ा है। प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बुजुर्ग और बच्चे दोपहर में बाहर न निकलें।
कब मिलेगी राहत?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. राकेश पांडे के अनुसार, “अभी अगले 4–5 दिनों तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है। मानसून पूर्व की हल्की बारिश 20 मई के आसपास पूर्वी उत्तर प्रदेश में संभावित है, लेकिन उससे पहले तापमान 46 डिग्री तक जा सकता है।”
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने एक हीट वेव एडवाइजरी जारी की है जिसमें नागरिकों से अपील की गई है:
- दोपहर 12 से 4 के बीच घर से न निकलें
- हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें
- भरपूर पानी पिएं और नमक-नींबू का घोल लेते रहें
- घर के बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें
कानपुर की गृहिणी संध्या मिश्रा बताती हैं, बिजली कटौती और तेज गर्मी ने घर को भट्टी बना दिया है। पंखा चलाना भी बेअसर हो गया है। वहीं प्रयागराज के ई-रिक्शा चालक लल्लन यादव कहते हैं, “दोपहर में चलना मुश्किल हो गया है, लेकिन पेट की आग बुझाने के लिए धूप भी झेलनी पड़ रही है।