आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव हर क्षेत्र में दिखने लगा है — हेल्थकेयर, एजुकेशन, बैंकिंग, एंटरटेनमेंट और यहां तक कि हमारी डेली लाइफ में भी। लेकिन जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इससे जुड़े ethical और safety concerns भी सामने आ रहे हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने AI सुरक्षा संस्थान (AI Safety Institute) की नींव रखी है।
संस्थान का उद्देश्य और भूमिका
AI सुरक्षा संस्थान भारत के IndiaAI मिशन का अभिन्न हिस्सा है। इसका प्रमुख कार्य होगा बड़े AI मॉडल्स की टेस्टिंग, सुरक्षा की जांच, और Responsible AI के लिए नीतियों का निर्माण। इसका मतलब है – यह संस्थान देखेगा कि AI सिस्टम biased तो नहीं हैं? क्या वो transparency का पालन करते हैं? क्या यूज़र्स की privacy सुरक्षित है?
प्रमुख कार्य
- Responsible AI Framework तैयार करना जो भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में फिट हो।
- AI सिस्टम्स की explainability और fairness सुनिश्चित करना।
- लोकल भाषाओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जनहित AI मॉडल्स का प्रमाणीकरण करना।
- आम नागरिकों और डेवलपर्स को Responsible AI की ट्रेनिंग देना।
भारत में इसकी ज़रूरत क्यों है?
AI का गलत उपयोग deepfake videos, misinformation, racial/gender bias, और surveillance जैसे मुद्दों को जन्म दे सकता है। ऐसे में भारत जैसे बड़े और विविध देश में एक ऐसा संस्थान बेहद जरूरी था जो टेक्नोलॉजी के विकास और नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखे।
भविष्य की दिशा
AI सुरक्षा संस्थान आने वाले वर्षों में स्टार्टअप्स, टेक कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकार के बीच एक पुल की भूमिका निभाएगा। इससे एक ऐसे डिजिटल इंडिया की कल्पना साकार होगी जो सुरक्षित, ethical और समावेशी हो।