भारत सरकार ने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप सर्वम को देश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
Sarvam AI: भारत सरकार ने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप 'Sarvam AI' को देश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) विकसित करने का जिम्मा सौंपा है। यह कदम भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण है और देश को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करने का प्रयास है। इस निर्णय के तहत, सरकार ने स्टार्टअप 'Sarvam' को भारत में पूरी तरह से तैयार किए जाने वाले AI मॉडल के लिए महत्वपूर्ण समर्थन दिया है।
सरकार ने दिया बड़ा समर्थन
भारत सरकार की 10,370 करोड़ रुपये की इंडियाAI मिशन योजना के तहत, 'Sarvam AI' को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत, स्टार्टअप को उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटिंग संसाधन जैसे GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे अपने मॉडल को पूरी तरह से भारत में विकसित कर सकें।
इस योजना के तहत, सर्वम को 6 महीने के लिए 4,000 GPU तक की सुविधा दी जाएगी, जिससे वे अपने AI मॉडल को ट्रेन कर सकेंगे। सरकार ने पहले ही 18,693 GPU की आपूर्ति के लिए 10 कंपनियों को चुना है, जिनसे इन GPU का उपयोग किया जाएगा।
'Sarvam' को मिली इस मदद से भारत को एआई में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ी सफलता मिल सकती है। यह पहल भारतीय कंपनियों को एआई के क्षेत्र में स्मार्ट समाधान विकसित करने की क्षमता प्रदान करेगी, जो पूरी तरह से देश में ही तैयार और प्रशिक्षित होंगे। इसके अलावा, इस पहल से भारतीय भाषाओं में सक्षम एआई मॉडल तैयार होंगे, जिससे देश के नागरिकों को अपनी मातृभाषा में सुविधाजनक और प्रभावी तकनीकी समाधान मिलेंगे।
Sarvam AI के तीन प्रमुख वेरिएंट्स
'Sarvam AI' इस समय अपने मॉडल पर काम कर रहा है और इसके तीन वेरिएंट्स पर विकास हो रहा है। इन वेरिएंट्स में Sarvam-Large, Sarvam-Small, और Sarvam-Edge शामिल हैं। इन वेरिएंट्स का उद्देश्य विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त एआई मॉडल विकसित करना है।
- Sarvam-Large: यह वेरिएंट बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा और इसका उद्देश्य एक शक्तिशाली और विश्वसनीय मॉडल तैयार करना है, जो अधिक जटिल कार्यों को हल करने में सक्षम हो।
- Sarvam-Small: यह वेरिएंट उन उपयोगकर्ताओं के लिए होगा, जिनके पास सीमित संसाधन हैं, लेकिन जो एआई की शक्तियों का उपयोग करना चाहते हैं। यह वेरिएंट हल्का और अधिक सुलभ होगा।
- Sarvam-Edge: इस वेरिएंट का उद्देश्य सीमित संसाधनों वाले स्थानों में एआई का उपयोग संभव बनाना है, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में या जहां इंटरनेट की गति धीमी हो सकती है।
इन वेरिएंट्स के जरिए 'Sarvam' भारत के विभिन्न वर्गों के लिए उपयुक्त एआई समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखता है। इसके साथ ही, ये वेरिएंट्स वॉइस-बेस्ड इंटरफेस, भारतीय भाषाओं में समझ, और बड़े पैमाने पर प्रयोग के लिए तैयार होंगे।
आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
'Sarvam AI' का यह प्रयास भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से, भारत में AI मॉडल पूरी तरह से विकसित और प्रशिक्षित किए जाएंगे, जिससे देश को विदेशों पर निर्भरता कम करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही, यह पहल भारत को एआई में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करेगी, जो भारतीय तकनीकी क्षेत्र के लिए एक बड़ी सफलता होगी।
इसके अलावा, इस मॉडल का उद्देश्य भारतीय भाषाओं को भी सम्मानित करना है। 'Sarvam AI' का मानना है कि भारत की विविधता और भाषाओं की समृद्धि को ध्यान में रखते हुए एआई मॉडल को भारतीय भाषाओं के अनुकूल बनाना आवश्यक है। यह एआई मॉडल भारतीय नागरिकों को उनकी मातृभाषा में सहज और प्रभावी तकनीकी समाधान प्रदान करेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
Vivek Raghavan का दृष्टिकोण
Sarvam AI के सह-संस्थापक विवेक राघवन का मानना है कि कंपनी का उद्देश्य भारत में ऐसे मल्टी-मॉडल और मल्टी-स्केल AI मॉडल विकसित करना है जो भारतीय नागरिकों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हों। राघवन ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि भारतीय कंपनियों को अपने डेटा को विदेश भेजे बिना ही स्मार्ट समाधान मिल सकें।
हम इस तकनीक का विकास जमीनी स्तर पर करना चाहते हैं, ताकि यह हर वर्ग और हर नागरिक के लिए उपयोगी हो। यह पहल न केवल भारतीय एआई उद्योग को एक नई दिशा देगी, बल्कि यह देश की डिजिटल सशक्तिकरण की यात्रा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भारत की एआई यात्रा का नया अध्याय
Sarvam AI की यह पहल भारत के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। देश के भीतर विकसित होने वाले इस AI मॉडल से न केवल भारतीय नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक एआई क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति में रखेगा। AI मॉडल का भारतीय भाषाओं के अनुकूल होना, वॉइस-बेस्ड इंटरफेस को समझने की क्षमता और देश की ज़रूरतों के अनुसार इसे तैयार करना, यह सभी पहलू देश के तकनीकी भविष्य को आकार देंगे।