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TeleMessage ऐप हैक से माइक वॉल्ट्ज का डेटा लीक, अमेरिकी साइबर सुरक्षा पर उठे सवाल

रिपोर्ट के अनुसार, एक हैकर ने TeleMessage के बैकएंड तक पहुंच बनाई, जिसमें सरकारी एजेंसियों और निजी कंपनियों के संवेदनशील डेटा जैसे यूजरनेम, पासवर्ड और चैट संदेश शामिल थे।

टेक न्यूज़: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को एक बड़ा झटका लगा है। माइक वॉल्ट्ज द्वारा उपयोग किया जा रहा एक मैसेजिंग ऐप, जिसे TeleMessage कहा जाता है, हैक हो गया है। यह ऐप Signal की तरह दिखता और काम करता है, लेकिन इसमें कुछ खास सुविधाएं भी हैं, जैसे कि चैट रिकॉर्डिंग और डेटा आर्काइविंग। 

इस ऐप के हैक होने से ना सिर्फ माइक वॉल्ट्ज, बल्कि अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और कुछ बड़ी कंपनियों के संवेदनशील डेटा का लीक होने का खतरा बढ़ गया है।

TeleMessage ऐप क्या है?

TeleMessage ऐप एक मैसेजिंग ऐप है, जो Signal जैसी सुरक्षा और एन्क्रिप्शन के साथ काम करता है, लेकिन इसमें एक अतिरिक्त फीचर होता है - यह चैट और संदेशों को रिकॉर्ड और आर्काइव करने की सुविधा देता है। यह विशेष रूप से सरकारी एजेंसियों और कंपनियों द्वारा संवेदनशील डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका फायदा उठाकर हैकर्स ने इसका बैकएंड सिस्टम तक पहुंच बना ली है। इसके परिणामस्वरूप, निजी और सरकारी डेटा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

क्या डेटा लीक हुआ?

रिपोर्ट्स के अनुसार, हैकर्स ने TeleMessage के बैकएंड तक पहुंच बनाई, जिसमें यूजरनेम, पासवर्ड, और अन्य संवेदनशील जानकारी शामिल थी। हैकर्स ने सरकारी एजेंसियों जैसे कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन, और निजी कंपनियों जैसे Coinbase के डेटा को एक्सपोज़ किया। इस हमले में, हैकर ने दावा किया कि उन्हें इसे करने में केवल 15-20 मिनट का समय लगा और बहुत कम प्रयास की जरूरत पड़ी। हैकर ने यह भी कहा कि उसने इस सुरक्षा खामी के बारे में TeleMessage को नहीं बताया क्योंकि कंपनी इसे छुपाने की कोशिश कर रही थी।

माइक वॉल्ट्ज और अन्य अधिकारियों पर असर

हालांकि, माइक वॉल्ट्ज और अन्य अमेरिकी अधिकारियों के संदेश हैक नहीं हुए हैं, लेकिन कुछ अन्य उपयोगकर्ताओं के चैट डेटा को लीक किया गया है। यह घटना तब और ज्यादा गंभीर हो गई जब माइक वॉल्ट्ज की एक तस्वीर सामने आई जिसमें वह एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान TeleMessage ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। 

इसके बाद, माइक वॉल्ट्ज को उनके पद से हटा दिया गया। यह घटना उनके करियर पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, क्योंकि इसमें सरकारी संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा से जुड़ी लापरवाही दिखाई देती है।

Signal और अन्य मैसेजिंग ऐप्स की सुरक्षा पर उठे सवाल

यह घटना उन ऐप्स की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करती है जो Signal, WhatsApp, और Telegram जैसी लोकप्रिय सेवाओं के जैसे दिखने के लिए मॉडिफाई किए जाते हैं। जहां ये ऐप्स रिकॉर्डिंग की सुविधा देते हैं, वहीं उनकी सुरक्षा कमजोर हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन एप्स का उपयोग करना सुरक्षा खामियों का कारण बन सकता है, क्योंकि इनकी आर्काइविंग सुविधाएं इन ऐप्स को हैकर्स के लिए आसान लक्ष्य बना सकती हैं। Signal ने इस घटना के बाद साफ तौर पर कह दिया कि वह इन अनौपचारिक वर्जन्स की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता।

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