हर साल मई के दूसरे रविवार को पूरी दुनिया में मदर्स डे (Mother's Day) मनाया जाता है। साल 2025 में यह खास दिन 11 मई को पड़ रहा है। यह दिन उन सभी माताओं के लिए है, जो अपने बच्चों के लिए हर सुख-दुख में साथ खड़ी रहती हैं। मां केवल एक रिश्ता नहीं, बल्कि हमारे जीवन की सबसे मजबूत नींव होती हैं।
मां: हमारी जिंदगी की पहली शिक्षक
जब हम इस दुनिया में आते हैं, तो सबसे पहले जो हमें प्यार करती हैं, वो होती हैं हमारी मां। मां ही हमें सबसे पहले बोलना सिखाती हैं, चलना सिखाती हैं और दुनिया को समझना सिखाती हैं। वह हर वक्त हमारे साथ होती हैं – जब हम रोते हैं, जब हम गिरते हैं, जब हम डरते हैं या जब हमें किसी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। मां के बिना जीवन अधूरा लगता है, क्योंकि वही हमें सही-गलत का फर्क समझाती हैं और हमारी सोच को दिशा देती हैं।
मां का प्यार बिना शर्त होता है। चाहे हम कितनी भी गलतियां करें, वह हमें माफ कर देती हैं और दोबारा संभाल लेती हैं। वह हमें कभी अकेला महसूस नहीं होने देतीं। जब भी हमें रास्ता नहीं समझ आता, मां की बातें और उनका आशीर्वाद हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है। इसलिए कहा जाता है कि मां सिर्फ जन्म नहीं देतीं, बल्कि हमें इंसान बनाती हैं – और यही उन्हें हमारी जिंदगी का सबसे जरूरी हिस्सा बनाता है।
मदर्स डे क्यों मनाया जाता है?
मदर्स डे यानी 'मां का दिन' हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, ताकि मां के बिना शर्त प्यार, त्याग और देखभाल के लिए उन्हें सम्मान दिया जा सके। इस दिन को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि मां हमारे जीवन की सबसे पहली गुरु होती हैं। वह बिना किसी स्वार्थ के हमारे लिए दिन-रात मेहनत करती हैं, हमारी खुशियों के लिए अपने सपनों को भी पीछे छोड़ देती हैं।
मदर्स डे मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। अन्ना जार्विस नाम की एक महिला ने 1908 में यह दिन पहली बार अपनी मां को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया था। बाद में यह दिन पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया। आज के समय में यह दिन मां को "थैंक यू" कहने और उन्हें यह एहसास दिलाने का एक खास मौका बन चुका है कि वह हमारे लिए कितनी कीमती हैं। इसलिए मदर्स डे सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं को व्यक्त करने का एक सुनहरा मौका है।
डिजिटल जमाने में भी मां सबसे बड़ी ताकत हैं
आजकल हम सभी स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और ऑनलाइन दुनिया में इतने व्यस्त हो गए हैं कि असली रिश्तों से दूर होते जा रहे हैं। लेकिन मां आज भी वही हैं – जो बिना किसी टेक्नोलॉजी के, दिल से जुड़ी होती हैं। उनका प्यार कभी बदलता नहीं, और न ही वह किसी "अपडेट" की ज़रूरत रखती हैं। जब हम थक जाते हैं या किसी परेशानी में होते हैं, तब मां की एक आवाज़ या एक बात हमारी सारी टेंशन दूर कर देती है।
इस डिजिटल युग में जहां हर चीज़ एक बटन दबाने से हो जाती है, वहां मां का प्यार आज भी वही है – बिना किसी शर्त के, बिना किसी उम्मीद के। हमें चाहिए कि हम रोज़ चाहे एक मिनट ही सही, लेकिन मां से ज़रूर बात करें। उन्हें "थैंक यू" कहें, उनके हाल चाल लें, और यह बताएं कि वो हमारे लिए कितनी खास हैं। क्योंकि मां का आशीर्वाद ही हमारे जीवन की सबसे बड़ी ताकत होता है – जो हर मुश्किल में हमें सहारा देता है।
मदर्स डे पर मां के लिए क्या कर सकते हैं? –
मां हमारे जीवन की सबसे बड़ी ताकत होती हैं। उन्होंने हमें चलना, बोलना, हर छोटी-बड़ी चीज सिखाई है। मां हर दिन हमारे लिए कुछ न कुछ करती हैं – बिना थके, बिना रुके। तो क्यों न हम भी एक दिन उनके लिए कुछ खास करें? ऐसे काम करें जिससे उन्हें खुशी मिले और वो खुद को सबसे खास महसूस करें।
एक प्यार भरा कार्ड बनाएं: आप मां के लिए रंग-बिरंगा, हाथ से बना हुआ कार्ड तैयार कर सकते हैं। उसमें लिखें कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं, उनके बिना आप कुछ नहीं हैं और आपने जो कुछ भी सीखा है, वो सब मां की वजह से ही है। जब मां इस कार्ड को पढ़ेंगी तो उनकी आंखें खुशी से भर जाएंगी।
मां के लिए खुद खाना बनाएं: मां हमेशा हमारे लिए स्वादिष्ट खाना बनाती हैं। अब बारी आपकी है। कोई आसान सा नाश्ता या खाना बनाएं – जैसे पोहा, उपमा, या आलू पराठा। उन्हें बिठाकर प्यार से खाना खिलाएं। मां को बहुत अच्छा लगेगा कि उनके बच्चे ने उनके लिए इतना अच्छा सोचा।
मां को पूरा दिन आराम दें: घर के सभी छोटे-बड़े काम आप खुद करें – झाड़ू लगाएं, पोछा लगाएं, बर्तन धोएं, कपड़े समेटें और सब कुछ मैनेज करें। मां को कहें कि आज वो कुछ न करें, सिर्फ आराम करें। वो चाहें तो टीवी देखें, किताब पढ़ें या थोड़ी देर सो जाएं।
पुरानी तस्वीरों के साथ यादें ताजा करें: आप मां के साथ बैठकर पुराने फोटो एलबम निकाल सकते हैं। उनके साथ उन पलों की बातें करें – जैसे आपकी पहली स्कूल की तस्वीर, कोई ट्रिप या त्योहार की फोटो। मां को बहुत अच्छा लगेगा कि आप उनके साथ मिलकर पुरानी यादें फिर से जी रहे हैं।
कविता या वीडियो गिफ्ट करें: अगर आप लिखना जानते हैं तो एक प्यारी सी कविता मां के लिए लिखिए। उसमें मां की ममता, उनका त्याग और उनका प्यार दिखाइए। आप चाहें तो उनकी तस्वीरों से बना एक छोटा सा वीडियो भी बना सकते हैं, जिसमें उनके साथ की कुछ खास बातें और आपकी भावनाएं हों।
मदर्स डे की शुरुआत कब हुई और कैसे हुई?
मदर्स डे की शुरुआत 1908 में अमेरिका से हुई थी। इस खास दिन को मनाने का श्रेय एक अमेरिकी महिला अन्ना जार्विस (Anna Jarvis) को जाता है। उन्होंने यह दिन अपनी मां एनी जार्विस की याद में मनाया, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं और महिलाओं व माताओं के हक़ के लिए काम करती थीं।
अन्ना जार्विस चाहती थीं कि मां के योगदान को दुनिया पहचाने और हर किसी को एक ऐसा दिन मिले जब वह अपनी मां को सम्मान दे सके। उन्होंने काफी प्रयास किए और आखिरकार 1914 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को आधिकारिक तौर पर मदर्स डे घोषित कर दिया।