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International Day of Plant Health 2025: पेड़ों की सेहत से जुड़ी धरती को राहत

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हर साल 12 मई को इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ (अंतर्राष्ट्रीय पौधों के स्वास्थ्य दिवस) मनाया जाता है। यह दिन हमें यह याद दिलाने के लिए है कि अगर पेड़-पौधे स्वस्थ रहेंगे, तो हमारी धरती और जीवन भी सुरक्षित रहेंगे। पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि भोजन, दवाएं, पर्यावरण संतुलन और जलवायु नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनके स्वास्थ्य की अनदेखी करना, हमारे भविष्य से समझौता करना है।

पौधों का स्वास्थ्य क्यों है ज़रूरी? 

हमारी ज़िंदगी में पौधों की अहमियत बहुत बड़ी है। हम जो खाना खाते हैं, जो हवा में सांस लेते हैं और यहां तक कि जो दवाइयाँ इस्तेमाल करते हैं, उनका रिश्ता कहीं न कहीं पौधों से जुड़ा होता है। इसलिए पौधों का स्वस्थ रहना हमारे लिए बेहद ज़रूरी है। 

  • खाद्य सुरक्षा : दुनिया की 80% से ज्यादा आबादी का मुख्य खाना पौधों से ही आता है। हम चावल, गेहूं, दालें, सब्जियां और फल जैसे खाद्य पदार्थ पौधों से पाते हैं। अगर पौधे बीमार पड़ जाएं या उनमें कीड़े लग जाएं, तो फसल खराब हो जाती है। इससे खाने की कमी हो सकती है और भूखमरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • पर्यावरण का संतुलन : पौधे और पेड़ हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे हम सांस ले पाते हैं। वे मिट्टी को बांधकर उसे उपजाऊ बनाए रखते हैं और वर्षा के पानी को जमीन में संचित करने में मदद करते हैं। अगर पौधे बीमार हो जाएं या सूख जाएं, तो मिट्टी बंजर हो सकती है और पर्यावरण बिगड़ सकता है।
  • आर्थिक सहायता : किसान और उनके परिवार अपनी ज़िंदगी की रोज़ी-रोटी खेती पर ही चलाते हैं। अगर फसलें खराब हो जाएं तो उनकी आमदनी पर असर पड़ता है। इससे गरीबी और बेरोज़गारी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। स्वस्थ पौधे अच्छी फसल का कारण बनते हैं और किसान की मेहनत रंग लाती है।
  • स्वास्थ्य लाभ : कई पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, जैसे तुलसी, नीम, गिलोय, अश्वगंधा आदि। ये हमारी इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। अगर ये औषधीय पौधे खराब हो जाएं, तो दवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
  • भविष्य की सुरक्षा : अगर आज हम पौधों की ठीक से देखभाल नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को अच्छी हवा, खाना और दवाएं नहीं मिल पाएंगी। इसलिए आज से ही हमें पौधों का ख्याल रखना चाहिए।

पौधों को कौन-कौन से खतरे हैं? 

पौधे हमारी ज़िंदगी का बहुत जरूरी हिस्सा हैं। लेकिन जैसे इंसानों को बीमारियाँ होती हैं, वैसे ही पौधों को भी कई तरह के खतरे होते हैं। अगर समय पर इन खतरों पर ध्यान न दिया जाए, तो पौधे कमजोर हो जाते हैं, फसलें नष्ट हो जाती हैं और किसानों को बड़ा नुकसान होता है। 

  • कीट और बीमारियाँ: पौधों पर कई बार वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और कीड़ों का हमला हो जाता है। जैसे इंसानों को सर्दी-जुकाम या बुखार होता है, वैसे ही पौधों को भी पत्तियों पर धब्बे, सूखना या गलना जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं। कीड़े जैसे टिड्डियाँ, सफेद मक्खी, थ्रिप्स आदि पौधों की पत्तियां और फल खा जाते हैं। इससे फसलें खराब हो जाती हैं और उत्पादन में भारी गिरावट आती है।
  • जलवायु परिवर्तन : आजकल मौसम बहुत तेजी से बदल रहा है। कभी तेज गर्मी, कभी बेमौसम बारिश और कभी सूखा पड़ जाता है। यह सब पौधों की सेहत को बिगाड़ देता है। ज्यादा तापमान में पौधे झुलस जाते हैं और अगर जरूरत से ज्यादा पानी हो जाए तो उनकी जड़ें सड़ने लगती हैं। यह बदलाव पौधों की वृद्धि, फूल-फल आने और उनकी गुणवत्ता को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
  • भूमि और जल प्रदूषण : खेतों में अगर ज्यादा मात्रा में रासायनिक खाद और कीटनाशक डाल दिए जाएं, तो वह मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं। मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है और पौधे कमजोर होने लगते हैं। अगर गंदा पानी सिंचाई में इस्तेमाल किया जाए तो उससे भी पौधों को नुकसान पहुंचता है। धीरे-धीरे पौधों की बढ़त रुक जाती है और वे सूखने लगते हैं।
  • अवैध व्यापार और तस्करी: कुछ पौधे बहुत दुर्लभ और खास होते हैं, जैसे कि कुछ जड़ी-बूटियाँ या जंगलों में पाए जाने वाले पौधे। इनका अवैध रूप से व्यापार किया जाता है। इसके अलावा, जब विदेश से बिना जांच के बीज लाए जाते हैं, तो उनके साथ नई बीमारियाँ भी आ सकती हैं। ये बीमारियाँ हमारे देश के पौधों को भी संक्रमित कर सकती हैं और उनका स्वास्थ्य बिगाड़ सकती हैं।

इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ का इतिहास

इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ को पहली बार संयुक्त राष्ट्र (UN) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2022 में आधिकारिक रूप से मनाने की घोषणा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था लोगों को यह समझाना कि पौधों का स्वास्थ्य हमारी ज़िंदगी और पर्यावरण दोनों के लिए कितना ज़रूरी है। दरअसल, दुनिया भर में हर साल लाखों टन फसलें कीटों और बीमारियों की वजह से खराब हो जाती हैं, जिससे न सिर्फ किसानों को नुकसान होता है, बल्कि खाद्य संकट भी पैदा होता है।

इस दिन को मनाने के पीछे एक और बड़ी वजह यह थी कि सरकारें, वैज्ञानिक और आम लोग एकजुट होकर पौधों को बचाने के उपाय करें। इस पहल से यह उम्मीद की गई कि पौधों से जुड़ी बीमारियों को समय पर पहचाना जाएगा, उनका समाधान खोजा जाएगा और लोगों में पौधों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। यह दिन हमें याद दिलाता है कि अगर हम आज पौधों की सेहत का ध्यान रखेंगे, तभी भविष्य में हमारे पास सुरक्षित भोजन, स्वच्छ हवा और एक संतुलित पर्यावरण होगा।

पौधों की सेहत कैसे बचा सकते हैं? 

पौधे हमारे जीवन का आधार हैं। अगर ये स्वस्थ रहेंगे, तभी हम भी सेहतमंद रह पाएंगे। लेकिन आज के समय में पौधों को कई तरह की बीमारियाँ, कीड़े और प्रदूषण से खतरा है। ऐसे में हमें कुछ खास तरीकों को अपनाकर पौधों की सेहत को सुरक्षित रखना चाहिए। 

  • जैविक खेती को अपनाएं : आजकल बहुत से किसान फसलों में रासायनिक खाद और कीटनाशक का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पौधों को नुकसान होता है और मिट्टी भी खराब हो जाती है। इसके बजाय हमें जैविक खेती अपनानी चाहिए। इसमें गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद), नीम का तेल और हल्दी जैसे प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल होता है। इससे पौधे मजबूत बनते हैं और जमीन की उर्वरता बनी रहती है।
  • स्वस्थ और प्रमाणित बीजों का उपयोग करें : फसल की शुरुआत बीज से होती है। अगर बीज ही खराब या संक्रमित होगा, तो पौधा भी कमजोर होगा। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे केवल प्रमाणित और स्थानीय बीजों का ही उपयोग करें। ऐसे बीज मौसम के अनुसार होते हैं और बीमारियों से लड़ने की ताकत भी रखते हैं।
  • पेड़ों का संरक्षण करें : अक्सर लोग बिना जरूरत के पेड़ काट देते हैं, जिससे पर्यावरण पर असर पड़ता है। पेड़ सिर्फ छाया या लकड़ी नहीं देते, बल्कि वे हवा साफ करते हैं, मिट्टी बचाते हैं और बारिश में मदद करते हैं। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और पुराने पेड़ों की कटाई से बचना चाहिए।
  • किसानों को प्रशिक्षण देना : कई बार किसान यह नहीं समझ पाते कि पौधों में कौन सी बीमारी है और उसका इलाज क्या है। सरकार और समाज सेवी संस्थाओं (NGOs) को चाहिए कि वे किसानों के लिए मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं। इसमें उन्हें यह सिखाया जाए कि पौधों की बीमारियों की पहचान कैसे करें, कौन-से घरेलू उपाय करें और कब दवा का प्रयोग करना सही है।
  • वैश्विक सहयोग ज़रूरी है : कई बार एक देश में फैली बीमारी दूसरे देश के पौधों को भी नुकसान पहुँचा सकती है, खासकर जब बीजों या पौधों का आयात-निर्यात होता है। इसलिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि सीमा पार होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। अगर देश आपस में जानकारी और तकनीक साझा करें, तो पौधों की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।

इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ कैसे मनाएं?

इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ को मनाने का सबसे अच्छा तरीका है – पौधों के प्रति अपने व्यवहार में छोटा लेकिन सकारात्मक बदलाव लाना। आप इस दिन अपने घर, ऑफिस, या स्कूल में एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल का संकल्प ले सकते हैं। इससे न सिर्फ हरियाली बढ़ेगी, बल्कि दूसरों को भी पेड़-पौधों के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा मिलेगी। बच्चों और युवाओं को पौधों के महत्व के बारे में बताना भी इस दिन को खास बना सकता है। स्कूलों और कॉलेजों में पौधों की सेहत से जुड़े कार्यक्रम, ड्रॉइंग कॉम्पिटीशन या छोटी वर्कशॉप्स आयोजित की जा सकती हैं।

इसके अलावा, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके पौधों के महत्व को दुनिया तक पहुंचाना बहुत असरदार हो सकता है। आप #PlantHealthDay हैशटैग के साथ कोई तस्वीर, पोस्ट या वीडियो शेयर कर सकते हैं जिसमें आप पौधे लगाते हुए या उनकी देखभाल करते हुए दिखें। किसान समुदाय को जैविक खेती के फायदों और प्राकृतिक तरीकों से पौधों की रक्षा के उपायों के बारे में जानकारी देना भी इस दिन की भावना को मजबूत करता है। यह दिन एक कदम है उस दिशा में, जहाँ हर व्यक्ति पौधों की सेहत को लेकर सजग और ज़िम्मेदार बन सके।

इंटरनेशनल डे ऑफ प्लांट हेल्थ पर हमारी भूमिका क्या हो सकती है?

हर इंसान पौधों की सेहत को बेहतर बनाने में एक खास भूमिका निभा सकता है। सबसे पहले, हमें अपने आसपास पेड़-पौधों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आपके घर में पौधे हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पानी दें, समय-समय पर मिट्टी बदलें और उन्हें कीड़ों से बचाएं। अगर आपके पास जगह है, तो नए पौधे लगाएं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, बाजार से सब्जी या फल खरीदते समय स्थानीय और जैविक उत्पादों को प्राथमिकता दें, क्योंकि इससे रासायनिक खेती को कम बढ़ावा मिलेगा।

हमारी भूमिका केवल पौधे लगाने तक ही सीमित नहीं है। हमें लोगों को जागरूक करना भी ज़रूरी है। बच्चों, पड़ोसियों और दोस्तों को यह समझाएं कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए कितने जरूरी हैं। सोशल मीडिया के जरिए पौधों से जुड़े ज्ञान और उनकी देखभाल के आसान उपाय साझा करें। जब हम सब मिलकर छोटे-छोटे कदम उठाएंगे, तभी बड़ा बदलाव संभव होगा और हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

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