जब भी हम गर्मी, धूप और छुट्टियों की बात करते हैं, तो सबसे पहले जो बात ध्यान में आती है वो है – "सनस्क्रीन लगाना न भूलें!" और ठीक यही बात नेशनल सनस्क्रीन डे हम सबको याद दिलाने आता है। हर साल 27 मई को मनाया जाने वाला यह दिन हमें यह सिखाता है कि सूर्य की हानिकारक किरणों से खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए और क्यों यह हमारी रोजमर्रा की स्किन केयर रूटीन का अहम हिस्सा होना चाहिए।
क्यों जरूरी है सनस्क्रीन?
सनस्क्रीन लगाना सिर्फ ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने जैसा नहीं है, बल्कि यह आपकी त्वचा की सुरक्षा के लिए एक ज़रूरी कदम है। जैसे हम घर से निकलते समय छाता या टोपी लेकर धूप से बचते हैं, वैसे ही सनस्क्रीन हमारी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने का काम करता है। ये किरणें त्वचा को जला सकती हैं और लंबे समय तक असर डालकर झुर्रियाँ, धब्बे और असमय बुढ़ापा ला सकती हैं।
UV किरणों के लगातार संपर्क में आने से स्किन कैंसर तक हो सकता है। मेडिकल साइंस मानती है कि रोज़ाना सही तरीके से सनस्क्रीन लगाने से इन गंभीर बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। इसलिए अगर आप अपनी त्वचा को हेल्दी, जवान और सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो हर दिन सनस्क्रीन लगाना एक आसान लेकिन असरदार उपाय है।
नेशनल सनस्क्रीन डे कैसे मनाएं?
सबसे पहले – खुद पर सनस्क्रीन लगाएं: अगर आप बाहर जा रहे हैं तो 30 SPF या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन लगाएं। इसे हर दो घंटे में दोबारा लगाना जरूरी होता है, खासकर अगर आप पसीना बहा रहे हों या तैराकी कर रहे हों।
दूसरों को जागरूक करें: आज के दिन को एक अवसर बनाएं और अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर लोगों को सनस्क्रीन के महत्व के बारे में बताएं। चाहें तो आप ब्लॉग पोस्ट, वीडियो या जानकारीपूर्ण इन्फोग्राफिक्स शेयर कर सकते हैं।
बच्चों का खास ख्याल रखें: बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है और उन्हें धूप से ज्यादा खतरा होता है। बच्चों को सनस्क्रीन लगाने के साथ-साथ टोपी, धूप के चश्मे और ढीले-ढाले कपड़े पहनाना जरूरी है।
गलत धारणाओं को तोड़ें: बहुत से लोग मानते हैं कि ठंडे मौसम में या बादल छाए होने पर सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती। लेकिन सच्चाई यह है कि UV किरणें हमेशा हमारे आस-पास होती हैं, चाहे मौसम कैसा भी हो।
सनस्क्रीन से जुड़ी कुछ आम गलतफहमियां
ठंडी या बादली के दिन सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती: बहुत से लोग मानते हैं कि अगर धूप नहीं है या मौसम ठंडा है तो सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं। लेकिन यह गलतफहमी है। UV किरणें बादलों के आर-पार जा सकती हैं और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए मौसम चाहे जैसा भी हो, रोज़ाना सनस्क्रीन लगाना जरूरी है।
SPF 50 लगा लिया, अब पूरे दिन की छुट्टी: कुछ लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने SPF 50 वाला सनस्क्रीन लगा लिया, तो अब पूरे दिन धूप से सुरक्षित हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी सनस्क्रीन सिर्फ दो से तीन घंटे तक ही असरदार रहता है। इसलिए हर दो घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाना चाहिए।
वाटरप्रूफ सनस्क्रीन है, तैरने के बाद भी लगेगा: वाटरप्रूफ का मतलब यह नहीं होता कि सनस्क्रीन पानी में उतरने के बाद भी पूरी तरह काम करता रहेगा। तैराकी या पसीना आने के बाद सनस्क्रीन की परत हट सकती है। इसलिए दोबारा लगाना जरूरी होता है, चाहे वह वाटर-रेजिस्टेंट ही क्यों न हो।
री त्वचा गहरी है, मुझे सनस्क्रीन की जरूरत नहीं: यह भी एक आम गलतफहमी है कि गहरी त्वचा वाले लोगों को सनबर्न नहीं होता। जबकि हकीकत यह है कि त्वचा का रंग कोई फर्क नहीं डालता – UV किरणें सबको नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए हर त्वचा टोन के लोगों के लिए सनस्क्रीन जरूरी है।
नेशनल सनस्क्रीन डे की शुरुआत
नेशनल सनस्क्रीन डे की शुरुआत 2011 में National Council on Skin Cancer Prevention ने की थी। इस दिन का उद्देश्य था लोगों को सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभाव और सनस्क्रीन की अहमियत के बारे में जागरूक करना।
सनस्क्रीन का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। 1930 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के मिल्टन ब्लेक ने पहली बार एक किचन-एक्सपेरिमेंट के जरिए ऐसा क्रीम बनाया जो स्किन को सूरज की किरणों से बचा सके। वहीं, स्विट्जरलैंड के एक स्टूडेंट फ्रांज ग्रेटर ने 1946 में SPF की शुरुआत की। उन्होंने 'Piz Buin Glacier Cream' नामक पहला SPF युक्त सनस्क्रीन तैयार किया, जिसका SPF केवल 2 था।
SPF और स्टार रेटिंग को समझें
जब भी आप सनस्क्रीन खरीदें, तो उस पर दिए गए SPF और स्टार रेटिंग को जरूर समझें। SPF यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर यह बताता है कि वह प्रोडक्ट UVB किरणों से आपकी त्वचा को कितनी सुरक्षा देगा। जितना ज्यादा SPF होगा, उतना ही बेहतर सुरक्षा मिलेगी। वहीं, स्टार रेटिंग UVA किरणों से बचाव को दिखाती है। ज्यादा स्टार का मतलब है कि आपको ज्यादा अच्छी सुरक्षा मिलेगी। इसलिए सनस्क्रीन खरीदते समय यह जरूर देखें कि उसमें उच्च SPF और अच्छी स्टार रेटिंग हो, ताकि आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से पूरा बचाव मिल सके।
स्किन कैंसर से बचाव के लिए सहयोग करें
अगर आप स्किन कैंसर के खिलाफ जागरूकता फैलाना चाहते हैं तो किसी स्किन कैंसर से जुड़ी संस्था से जुड़ना एक अच्छा कदम हो सकता है। आप चाहें तो सीधे दान कर सकते हैं या फिर कोई छोटा कार्यक्रम जैसे बेक सेल, फन रन, या हैंडमेड सामान की बिक्री कर सकते हैं ताकि फंड इकट्ठा किया जा सके। इसके अलावा, आप अपने हाथ से बने स्ट्रॉ हैट्स या स्किन केयर प्रोडक्ट्स बेचकर भी पैसा जुटा सकते हैं और उसे इस नेक काम में दान कर सकते हैं। इस तरह आप समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं।
नेशनल सनस्क्रीन डे केवल एक दिन नहीं है – यह एक याद दिलाने वाला दिन है कि हमें अपनी त्वचा को हर दिन सूरज की किरणों से बचाना है। ये एक छोटी सी आदत है जो आपको बड़ी परेशानी से बचा सकती है।