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अमेरिकी कोर्ट के फैसले से शेयर बाजार में लौटी रौनक, IT और मिडकैप शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

अमेरिकी फेडरल कोर्ट द्वारा डोनाल्ड ट्रंप के लिबरेशन टैरिफ को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगाने के फैसले का असर वैश्विक बाजारों पर साफ नजर आया है। इस फैसले के बाद एशियाई बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में भी रौनक देखने को मिली।

Stock Marke: अमेरिकी अदालत द्वारा ट्रंप काल के टैरिफ कानून को असंवैधानिक करार देने और उस पर रोक लगाने के फैसले ने न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक बाजारों में भी उत्साह भर दिया है। इसी सकारात्मक रुख का असर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार पर भी साफ देखा गया, जब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में शानदार उछाल देखने को मिली। खासकर IT और टेक्नोलॉजी शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी, जिससे बाजार में व्यापक खरीदारी देखने को मिली।

एशियाई संकेतों से मिला संबल, सेंसेक्स में 400 अंकों की छलांग

गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 422 अंकों की उछाल के साथ 81,734.67 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी ने भी 114 अंकों की मजबूती के साथ 24,825.10 का स्तर छुआ। हालांकि दिन के दौरान बाजार ने कुछ लाभ गवां दिया, लेकिन फिर भी सेंसेक्स 81,312.32 अंक पर बंद हुआ, जो कि पिछले सत्र से 239.31 अंक ऊपर रहा। वहीं निफ्टी 24,752.45 पर बंद हुआ, जो 73.75 अंक की बढ़त दर्शाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिकी अदालत का फैसला बाजार में तात्कालिक राहत का संकेत देता है। निवेशकों को उम्मीद है कि अब वैश्विक व्यापार विवादों में कुछ नरमी आ सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को लाभ होगा।

कोर्ट के फैसले से वैश्विक बाजारों में जोश

अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को असंवैधानिक बताते हुए उस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र से बाहर था और यह नीति व्यापार स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है। इस फैसले के बाद जापान का निक्केई इंडेक्स 1.16% चढ़ा, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.07% ऊपर गया। अमेरिकी S&P फ्यूचर्स में भी 1.44% और नैस्डेक 100 फ्यूचर्स में 1.76% की बढ़त देखी गई।

भारतीय बाजार में गुरुवार को IT, फार्मा और मिडकैप शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई। टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसे दिग्गज आईटी शेयरों में 1.5% से 2.8% तक की तेजी दर्ज की गई। वहीं फार्मा सेक्टर में सन फार्मा, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज के शेयरों में भी जोरदार खरीदारी देखने को मिली।विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी व्यापार नीतियों में संभावित नरमी का लाभ भारतीय आईटी कंपनियों को हो सकता है, जो कि अमेरिका में बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग सेवाएं देती हैं।

बुधवार को बाजार में रही थी गिरावट

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को लगातार दूसरे दिन बाजार में गिरावट रही थी। सेंसेक्स 239 अंकों की गिरावट के साथ 81,312.32 पर और निफ्टी 73 अंक गिरकर 24,752.45 पर बंद हुआ था। ITC और ऑटो सेक्टर के शेयरों में बिकवाली की वजह से बाजार पर दबाव बना था। ITC का शेयर ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको द्वारा अपनी हिस्सेदारी घटाने की खबर के बाद टूटा, वहीं ऑटो सेक्टर में भी सुस्ती देखी गई।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता कुछ समय के लिए टली जरूर है, लेकिन एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की हिस्सेदारी में गिरावट और शेयरों की ऊंची वैल्यूएशन अब भी बाजार के लिए चुनौती बनी हुई है।

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