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कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण और बचाव के असरदार उपाय: जानिए डॉक्टर की सलाह

कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण और बचाव के असरदार उपाय: जानिए डॉक्टर की सलाह
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आजकल कई माता-पिता यह सोचकर चिंतित हो जाते हैं कि उनकी बेटी को सामान्य से कहीं कम उम्र में ही पीरियड्स यानी मासिक धर्म शुरू हो गया है। पहले पीरियड्स की सही उम्र लगभग 14 वर्ष मानी जाती थी, लेकिन अब 9 से 12 वर्ष की छोटी बच्चियों में भी मासिक धर्म शुरू होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह स्थिति कई परिवारों में चिंता का विषय बन चुकी है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या यह किसी बीमारी का संकेत है? और सबसे महत्वपूर्ण – इससे कैसे बचा जाए? इस लेख में हम इन सभी सवालों का विस्तार से जवाब देंगे, साथ ही डॉक्टर की विशेषज्ञ सलाह भी साझा करेंगे।

कम उम्र में पीरियड्स क्यों हो रहे हैं?

पीरियड्स की सामान्य उम्र 14 वर्ष मानी जाती है, लेकिन आज के दौर में यह सीमा काफी नीचे आ गई है। डॉक्टर और विशेषज्ञ इस मामले में कई कारण बताते हैं:

  • अनहेल्दी खानपान: आजकल बच्चे घर का बना पौष्टिक खाना कम खाते हैं और बाहर के पैकेज्ड या तले-भुने खाद्य पदार्थों को ज्यादा पसंद करते हैं। ये जंक फूड केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव्स से भरे होते हैं जो शरीर के हार्मोन्स पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण लड़कियों में जल्दी पीरियड्स शुरू हो जाते हैं।
  • मोटापा और हार्मोनल असंतुलन: अनहेल्दी खानपान के साथ-साथ गलत लाइफस्टाइल मोटापे का भी कारण बनती है। मोटापा हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है, जो सीधे पीरियड्स की शुरुआत को प्रभावित करता है। बढ़ते मोटापे से शरीर की कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
  • तनाव और अव्यवस्थित जीवनशैली: बच्चे आजकल पढ़ाई, प्रतियोगिताओं, और सोशल मीडिया के दबाव में तनाव में रहते हैं। मानसिक तनाव हार्मोनल स्तर को प्रभावित करता है, जिससे पीरियड्स जल्दी शुरू हो सकते हैं। साथ ही, प्लास्टिक और केमिकल से बनी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल भी इस समस्या को बढ़ावा देता है।
  • जेनेटिक कारण: परिवार में अगर मां, दादी या बहन को कम उम्र में पीरियड्स आए हों, तो यह संभावना होती है कि बेटी को भी जल्दी पीरियड्स शुरू हो जाएं। यह आनुवंशिक कारण भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।

क्या कम उम्र में पीरियड्स होना स्वास्थ्य के लिए खतरा है?

कम उम्र में पीरियड्स आना हर बार बीमारी नहीं होता, लेकिन अगर यह 7-8 साल की उम्र में शुरू हो जाए तो इसे ‘प्रिकॉशियस प्यूबर्टी’ (Precocious Puberty) कहते हैं। यह स्थिति तब होती है जब बच्ची का शरीर जल्दी विकसित होने लगता है, जिससे उसके हड्डियों और शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

यदि कम उम्र में पीरियड्स आना लगातार बना रहे या अन्य शारीरिक बदलावों के साथ हो, तो डॉक्टर से जांच करवाना आवश्यक है। शुरुआती जांच और सही उपचार से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और बच्ची का स्वस्थ विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

बचाव के लिए जरूरी उपाय

कम उम्र में पीरियड्स आने से बचने के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय अपनाए जा सकते हैं, जो बच्चों के स्वस्थ विकास में मदद करेंगे:

संतुलित और पौष्टिक आहार: बच्चों को घर का बना ताजा और पौष्टिक खाना खिलाएं। खाने में हरी सब्जियां, ताजे फल, दालें, और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन शामिल करें। जंक फूड, पैकेज्ड और बाहर के तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचाव करें।

स्वच्छ और प्राकृतिक जीवनशैली अपनाएं: बच्चों को पर्याप्त नींद दें और रोजाना व्यायाम या खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करें। यह न केवल वजन नियंत्रित करता है बल्कि तनाव कम करने में भी मदद करता है।

तनाव से बचाव: बच्चों पर पढ़ाई या अन्य किसी कारण से अनावश्यक दबाव न बनाएं। उनकी मानसिक स्थिति को समझें और उन्हें खुश, स्वस्थ और तनावमुक्त रहने दें। परिवार में सकारात्मक वातावरण बनाएं।

रासायनिक पदार्थों का सीमित उपयोग: प्लास्टिक और केमिकल से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल कम करें। कपड़े, खिलौने, और दैनिक उपयोग की चीजों में प्राकृतिक और स्वास्थ्यकर विकल्प चुनें।

परिवार के स्वास्थ्य इतिहास पर ध्यान दें: यदि परिवार में जल्दी पीरियड्स की समस्या रही हो तो डॉक्टर से नियमित सलाह लें और बच्चे की सेहत पर खास ध्यान रखें।

डॉक्टरी सलाह और समय-समय पर जांच: यदि बच्चे की उम्र 8 साल से कम है और पीरियड्स शुरू हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित स्वास्थ्य जांच और हार्मोन स्तर की जाँच आवश्यक हो सकती है।

कम उम्र में पीरियड्स आना आज के दौर की एक नई चुनौती है, जो बच्चों की बढ़ती जीवनशैली और पर्यावरणीय बदलावों का परिणाम है। इसे नजरअंदाज करना सही नहीं होगा क्योंकि यह भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है। सही खानपान, व्यायाम, तनावमुक्त जीवनशैली और डॉक्टर की सलाह के जरिए इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।

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