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‘One Big, Beautiful Bill’ से बिगड़ सकती है अमेरिका की इकोनॉमी, जानिए क्या कहती हैं रिपोर्ट्स

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ट्रंप के बिल से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है। कर्ज 3.8 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है, 8.30 लाख नौकरियां जा सकती हैं और क्लीन एनर्जी सब्सिडी खत्म हो सकती है।

America: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नया विधेयक पेश किया है, जिसका नाम है 'One Big, Beautiful Bill Act'। इस बिल को लेकर अमेरिका में राजनीतिक और आर्थिक बहस तेज हो गई है। ट्रंप के समर्थक इसे सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम बता रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों और रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बिल अमेरिका की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और लाखों नौकरियों के लिए खतरे की घंटी है।

क्या है ‘One Big, Beautiful Bill Act’?

यह विधेयक 2017 में ट्रंप सरकार द्वारा लागू किए गए टैक्स कट्स को स्थायी बनाने की कोशिश है। इसके तहत न सिर्फ टैक्स, बल्कि खर्च, सीमा सुरक्षा, और एनर्जी सब्सिडी जैसे मुद्दों को भी शामिल किया गया है। इसे ट्रंप के चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

हालांकि, इसकी आलोचना इसलिए हो रही है क्योंकि इससे जहां अमीरों और बड़ी कंपनियों को राहत मिलेगी, वहीं आम अमेरिकी नागरिकों पर बोझ बढ़ेगा।

घर पैसा भेजने पर लगेगा 5% टैक्स

सबसे बड़ा विवाद रिमिटेंस टैक्स को लेकर है। इस बिल के तहत अमेरिका में रहने वाले दूसरे देशों के लोग अगर अपने घर पैसे भेजते हैं, तो उन्हें 5% अतिरिक्त टैक्स देना होगा।

इससे खासकर प्रवासी कामगारों पर भारी असर पड़ेगा, जो पहले से ही बढ़ती महंगाई का सामना कर रहे हैं। इस प्रस्ताव को अनफेयर और प्रवासी विरोधी बताया जा रहा है।

खत्म हो सकती हैं 830,000 नौकरियां

The Guardian की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विधेयक के लागू होने पर अमेरिका में 8.30 लाख से ज्यादा नौकरियां खत्म हो सकती हैं। इसकी मुख्य वजह है क्लीन एनर्जी सेक्टर से सब्सिडी को हटाना।

बाइडेन प्रशासन ने Renewable Energy यानी सौर, पवन और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जो वित्तीय सहायता दी थी, उसे ट्रंप का ये बिल खत्म कर देगा।

इसका असर यह होगा कि सोलर पैनल, विंड टर्बाइन और इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी हो जाएंगी, कंपनियों को नुकसान होगा और नौकरियों में कटौती शुरू हो जाएगी।

अमेरिकी घरों का बिल बढ़ेगा

अगर यह बिल पास होता है, तो 2035 तक अमेरिकी घरों के बिजली बिलों में औसतन 230 डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है।

इसके अलावा, पेट्रोलियम कंपनियों की रॉयल्टी दरों में भी कटौती का प्रस्ताव है, जिससे तेल और गैस के दाम स्थिर नहीं रहेंगे और पर्यावरण पर असर बढ़ेगा।

क्लाइमेट चेंज की लड़ाई को बड़ा झटका

यह बिल बाइडेन द्वारा लागू किए गए जलवायु परिवर्तन कानूनों को भी कमजोर करता है। ट्रंप प्रशासन की योजना के अनुसार:

  • इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स क्रेडिट खत्म किया जाएगा
  • पवन और सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए मिलने वाले इंसेंटिव धीरे-धीरे हटाए जाएंगे
  • 2032 तक क्लीन एनर्जी सेक्टर को मिलने वाला लगभग हर लाभ खत्म कर दिया जाएगा

इसका सीधा मतलब है कि अमेरिका की ग्रीन एनर्जी पॉलिसी को पीछे धकेला जाएगा, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ेगा और जलवायु संकट गहराएगा।

बाइडेन की नीतियों को पलटेगा ट्रंप का बिल

ट्रंप का प्रस्ताव बाइडेन सरकार की उन नीतियों को पलटने की कोशिश है, जिनका उद्देश्य अमेरिका को ग्रीन और क्लीन बनाना था।

बाइडेन ने 2032 तक देश में दो-तिहाई नई कारों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह बिल उस लक्ष्य को भी खत्म कर देगा।

3.8 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है कर्ज

कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि इस विधेयक से अमेरिका का कर्ज 3.8 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है।

टैक्स में कटौती और सब्सिडी खत्म करने से भले ही अमीरों को राहत मिले, लेकिन सरकार की आय में भारी गिरावट आएगी, जिससे बजट घाटा और राष्ट्रीय कर्ज तेजी से बढ़ेगा।

अमेरिका की जीडीपी को भी लगेगा झटका

Economics Times की रिपोर्ट के अनुसार, अगले 10 वर्षों में इस बिल की वजह से अमेरिका की GDP में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की कमी आ सकती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि एनर्जी सेक्टर में निवेश कम होगा, नौकरियों में कटौती होगी और लोगों की क्रयशक्ति घटेगी।

गरीब और मिडिल क्लास पर सीधा असर

यह बिल मिडिल क्लास और लोअर इनकम फैमिलीज़ के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है:

  • बिजली बिल बढ़ेंगे
  • ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ेगी
  • नौकरी के अवसर कम होंगे
  • जलवायु संकट का सीधा असर गरीब तबकों पर पड़ेगा

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