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ED पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: कहा– 'प्रवर्तन निदेशालय ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं'

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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में शराब की रिटेल बिक्री से जुड़े सरकारी निगम TASMAC (Tamil Nadu State Marketing Corporation) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है।

नई दिल्ली: तमिलनाडु में शराब बिक्री से जुड़े सरकारी निगम TASMAC के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई पर उच्चतम न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अनुपस्थिति में न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि "ED ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं और वह संघीय ढांचे की मर्यादा का उल्लंघन कर रही है।"

तमिलनाडु सरकार और TASMAC की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ED ने निगम के दफ्तर में छापेमारी के दौरान कर्मचारियों से दुर्व्यवहार किया और सभी के मोबाइल फोन क्लोन कर लिए गए। उन्होंने इसे सीधे तौर पर निजता के अधिकार का हनन बताया।

सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने कहा, ED एक सरकारी निगम को ही आरोपी बना रही है, यह स्वीकार्य नहीं है। अगर राज्य सरकार खुद इस मामले की जांच कर रही है और संबंधित एफआईआर दर्ज हैं, तो केंद्र की एजेंसी को इसमें हस्तक्षेप का क्या औचित्य है? कोर्ट ने TASMAC के खिलाफ ED की वर्तमान कार्रवाई पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है और एजेंसी से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

ED की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कोर्ट को बताया कि 2014 से 2021 के बीच TASMAC में 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इन आरोपों की जांच करना ED की जिम्मेदारी है और उनके पास इसके लिए पर्याप्त आधार हैं। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि शुरुआती स्तर पर ही इस प्रकार की आक्रामक कार्रवाई संघीय ढांचे की आत्मा के विरुद्ध है। कोर्ट ने संकेत दिया कि यदि राज्य सरकार पहले से जांच कर रही हो, तो केंद्रीय एजेंसी की दखलंदाजी उचित नहीं मानी जा सकती।

मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर भी रोक

गौरतलब है कि 23 अप्रैल 2025 को मद्रास हाई कोर्ट ने TASMAC और तमिलनाडु सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ED की जांच को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि महिला कर्मचारियों को जानबूझकर सामने रखा गया ताकि छापेमारी में बाधा डाली जा सके। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि संवेदनशील संस्थाओं को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

TASMAC क्या है?

TASMAC (Tamil Nadu State Marketing Corporation) तमिलनाडु सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला निगम है, जो राज्य में शराब की खुदरा बिक्री का संचालन करता है। यह निगम राज्य सरकार की नीतियों के तहत काम करता है और इसके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।

क्या है मामला?

तमिलनाडु सरकार ने बताया कि 2014 से 2021 के बीच खुद राज्य एजेंसियों ने TASMAC से जुड़े 41 मामलों में एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें शराब बिक्री के लाइसेंस में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की शिकायतें थीं। लेकिन इसके बावजूद ED ने अलग से केस दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी, जो राज्य सरकार को अवांछित हस्तक्षेप लगी।

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