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महाराष्ट्र में राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच गठबंधन की अटकलें तेज, उद्धव गुट के लिए बड़ा इशारा

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राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच महाराष्ट्र में गठबंधन की अटकलें तेज, मुंबई, पुणे, नवी मुंबई सहित कई नगर निगम चुनावों पर इसका असर हो सकता है।

Maharashtra: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के नेता तथा उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच गठबंधन की खबरें सामने आ रही हैं। इस गठबंधन की संभावना मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, पुणे, नवी मुंबई, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर जैसे प्रमुख शहरों में चुनावों को प्रभावित कर सकती है।

राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे की मुलाकात से बढ़ी अटकलें

राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच कई बार मुलाकातें हो चुकी हैं, जो राजनीतिक चर्चा का विषय बनी हैं। खासकर अप्रैल 2025 में हुई उनकी मुलाकात के बाद ये अटकलें और तेज हो गई हैं। शिंदे ने राज ठाकरे के मुंबई स्थित निवास ‘शिवतीर्थ’ पर शिष्टाचार भेंट की, जिसके बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना पर चर्चा शुरू हो गई।

इसके पहले भी कई मौकों पर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की है। पिछले साल दिसंबर, सितंबर, जुलाई और मार्च में दोनों के बीच कई बैठकें हुईं, जिनमें महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति और आगामी चुनावों पर बात हुई।

MNS-शिवसेना गठबंधन का राजनीतिक महत्व

राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे का गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावनाएं लेकर आ सकता है। खासकर मुंबई महापालिका चुनावों में दोनों पार्टियों के साथ आने से बड़ी संख्या में सीटें हासिल की जा सकती हैं।

मुंबई के अलावा ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, पुणे, नवी मुंबई, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर जैसे नगर निगम चुनावों में भी यह गठबंधन अहम भूमिका निभा सकता है।

चुनावी स्थिति पर एक नजर

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC): शिवसेना के पास 90 सीटें, MNS के पास 1 सीट (हालिया रुझान में MNS 3 सीटों पर आगे), कुल सीटें: 227

ठाणे महानगरपालिका: शिवसेना के पास 67 सीटें, MNS के पास 0, कुल सीटें: 131

कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका: शिवसेना 52, MNS 9, कुल सीटें: 122

नवी मुंबई महानगरपालिका: शिवसेना 38, कुल सीटें: 111 (एनसीपी के पास 57 सीटें)

नासिक महानगरपालिका: शिवसेना 35, MNS 5, कुल सीटें: 122

यह आंकड़े बताते हैं कि दोनों पार्टियों का मिलकर चुनाव लड़ना कितना फायदेमंद हो सकता है।

उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा संकेत

राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ही उद्धव ठाकरे की कार्यप्रणाली से असहमत रहे हैं। इसी वजह से दोनों ने अलग रास्ता चुना। राज ठाकरे ने पहले भी उद्धव गुट से गठबंधन की बात कही थी, लेकिन अब उनकी नजदीकियां शिंदे गुट के साथ बढ़ती नजर आ रही हैं।

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