बसपा प्रमुख मायावती ने पहलगाम आतंकी हमले पर सभी दलों से सरकार के साथ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि बयानबाजी और पोस्टरबाजी से घिनौनी राजनीति करना देशहित में नहीं है।
Pahalgam Terror Attack: कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद से राजनीतिक चर्चाओं का दौर जारी है। इस हमले में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस हमले के बाद, कई राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने इस मामले में एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है। मायावती ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस संकट के समय सरकार के साथ खड़े होकर घिनौनी राजनीति से बचें।
मायावती की अपील: एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा हो देश
मायावती ने कहा कि इस संकट के समय में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दलों ने इस घटना के बाद राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पोस्टरबाजी और बयानबाजी की है, जो देशहित में नहीं है। उनके अनुसार, इस समय घिनौनी राजनीति से बचना चाहिए और देश के सामने खड़ी चुनौती का सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए।
मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद सभी पार्टियों को एकजुट होकर सरकार के हर कदम के साथ खड़ा होना चाहिए। न कि इस घटना का फायदा उठाकर राजनीति करनी चाहिए, क्योंकि इससे लोगों में भ्रम फैल रहा है और यह देशहित में नहीं है।”
कांग्रेस और सपा पर निशाना
मायावती ने इस बयान में खास तौर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को भी चेतावनी दी। उनका कहना था कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस और सपा से यह अपील की कि इस मुद्दे पर ऐसी कोई बात न की जाए, जो बाबा साहेब के प्रति अपमानजनक हो।
मायावती ने यह भी कहा, “सपा और कांग्रेस को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर इस मामले में बाबा साहेब का अपमान हुआ, तो बीएसपी इसके खिलाफ सड़कों पर उतर सकती है।”
हमले के बाद की राजनीतिक स्थिति
पहलगाम में हुए इस आतंकवादी हमले के बाद देशभर में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गईं। विभिन्न दलों ने सरकार से हमले के दोषियों को पकड़ने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, कांग्रेस ने इस हमले को लेकर सरकार को घेरने के लिए एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ ‘सिर गायब’ लिखा था। हालांकि, यह पोस्टर बाद में हटा लिया गया।