प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक करने वाले हैं। यह बैठक थोड़ी ही देर में शुरू होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में आगामी चुनावी रणनीति और विकास कार्यों की प्रगति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे। यह बैठक थोड़ी देर में शुरू होने वाली है और इसका मकसद केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए सुशासन और विकास के मुद्दों पर मंथन करना है।
इस बैठक को लोकसभा चुनाव 2024 में NDA की बड़ी जीत के बाद एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कवायद के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी तीसरी बार देश की कमान संभालने जा रहे हैं। अब उनका फोकस “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य पर है और इसमें राज्यों की भूमिका को निर्णायक माना जा रहा है।
कौन-कौन नेता होंगे बैठक में शामिल?
बैठक में हिस्सा लेने के लिए NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनमें कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
- महाराष्ट्र से उपमुख्यमंत्री अजित पवार
- आंध्र प्रदेश से उपमुख्यमंत्री और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण
- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
- राजस्थान से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
- छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा
- ओडिशा से उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा
- इसके अलावा कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं या रास्ते में हैं।
बैठक का एजेंडा: समावेशी विकास और जनकल्याण
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का प्रमुख एजेंडा केंद्र और राज्यों के बीच विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाना, “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस” के मंत्र को आगे बढ़ाना और राज्यों में केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य और डिजिटल इंडिया मिशन को और प्रभावी ढंग से लागू करना है।
बैठक में विशेष जोर एक भारत, श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को ज़मीन पर उतारने के लिए राज्यों की भूमिका पर होगा। पीएम मोदी इस दौरान सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों की स्थिति, चुनौतियों और आगामी योजनाओं पर संवाद करेंगे।