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सैटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में एमेज़ॉन की एंट्री, प्रोजेक्ट कुइपर से इंटरनेट सेवाओं में नई क्रांति

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एमेजॉन ने प्रोजेक्ट कुइपर की शुरुआत की है, जिसे कंपनी ने 2019 में ऐलान किया था। सोमवार को इस प्रोजेक्ट के तहत 27 इंटरनेट टर्मिनल्स को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

Kuiper Satellite: सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का क्षेत्र अब एक नई दिशा में प्रवेश कर चुका है। पिछले कुछ वर्षों में एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा ने इस क्षेत्र में अपनी धाक जमाई थी, लेकिन अब इसमें एक नया खिलाड़ी भी सामने आया है। यह खिलाड़ी है – एमेज़ॉन, जिसने अपने बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट कुइपर (Project Kuiper) का शुभारंभ कर दिया है। सोमवार को एमेज़ॉन ने अंतरिक्ष में अपने पहले 27 इंटरनेट टर्मिनल लॉन्च किए, जो लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित होंगे। 

यह प्रोजेक्ट लगभग 10 अरब डॉलर की लागत से संचालित हो रहा है और कंपनी का लक्ष्य कुल 3236 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने का है। एमेज़ॉन का यह कदम सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के बाजार में स्टारलिंक से सीधा मुकाबला करेगा, जिससे इस क्षेत्र में नई प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी।

एमेज़ॉन के प्रोजेक्ट कुइपर का उद्देश्य

प्रोजेक्ट कुइपर का मुख्य उद्देश्य उन इलाकों में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं पहुंचाना है, जहां पर पारंपरिक ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। खासकर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी एक बड़ी समस्या रही है, जिसे इस प्रोजेक्ट के माध्यम से दूर करने की कोशिश की जाएगी। एमेज़ॉन की योजना ऐसे क्षेत्रों में उच्च गति वाले इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने की है, जहां पर पारंपरिक टेलिकॉम नेटवर्क नहीं पहुंच पाते। इससे न केवल इंटरनेट का विस्तार होगा, बल्कि दुनियाभर में डिजिटल विभाजन भी कम होगा।

प्रोजेक्ट कुइपर की शुरुआत के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि एमेज़ॉन इस क्षेत्र में स्टारलिंक से प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्टारलिंक पहले ही कई देशों में अपनी सेवाएं शुरू कर चुका है, और अब एमेज़ॉन भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत, एमेज़ॉन ने सोमवार को अपने पहले बैच के 27 सैटेलाइट्स को बोइंग और लॉकहीड मार्टिन द्वारा स्थापित यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (ULA) के सहयोग से अंतरिक्ष में भेजा। ये सैटेलाइट्स एटलस रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किए गए।

प्रोजेक्ट की देरी और आगामी लक्ष्य

एमेज़ॉन की योजना 2020 तक इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने की थी, लेकिन विभिन्न तकनीकी और नियामक कारणों से इस प्रोजेक्ट में देरी हो गई। अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) ने भी कंपनी को अपनी गति को तेज करने की सलाह दी थी। FCC ने एमेज़ॉन को अगले साल जून तक कम से कम 1500 सैटेलाइट्स लॉन्च करने का आदेश दिया है, ताकि कंपनी स्टारलिंक से पिछड़ न जाए। वर्तमान में स्टारलिंक अफ्रीका, एशिया और यूरोप जैसे कई देशों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है, और एमेज़ॉन के लिए इसे टक्कर देना एक बड़ी चुनौती होगी।

कंपनी को अपनी योजनाओं को तेजी से पूरा करना होगा, क्योंकि केवल 27 सैटेलाइट्स के साथ वह स्टारलिंक की तरह व्यापक सेवा शुरू नहीं कर सकती। इसका मतलब है कि एमेज़ॉन को जल्द से जल्द अधिक सैटेलाइट्स लॉन्च करने होंगे, ताकि यह अपने नेटवर्क को अधिक प्रभावी बना सके और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके।

एमेज़ॉन का विज़न और टारगेट

एमेज़ॉन के प्रोजेक्ट कुइपर का उद्देश्य न केवल इंटरनेट सेवाओं का विस्तार करना है, बल्कि यह कंपनी के लिए एक व्यवसायिक अवसर भी है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से एमेज़ॉन ने सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित करने का निर्णय लिया है। कंपनी का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से वह दुनिया भर में लाखों लोगों को उच्च गति वाली इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

एमेज़ॉन के इस प्रोजेक्ट का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे मुख्य रूप से विश्वभर में बुनियादी इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अन्य इंटरनेट नेटवर्किंग विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सैटेलाइट्स के माध्यम से इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा, जो सीधे उपभोक्ताओं तक इंटरनेट पहुंचाने में सक्षम होगा।

स्टारलिंक से मुकाबला

सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का सबसे बड़ा नाम स्टारलिंक है, जिसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स चला रही है। स्टारलिंक ने पहले ही वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं और यह अफ्रीका, एशिया, और यूरोप के कई देशों में अपनी इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा चुका है। स्टारलिंक की नेटवर्किंग क्षमता लगातार बढ़ रही है और यह क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है। एमेज़ॉन के प्रोजेक्ट कुइपर को इसकी प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, एमेज़ॉन के पास अपनी विशाल प्रौद्योगिकी और वित्तीय संसाधनों का लाभ होगा, जो उसे प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करेगा।

जहां एक ओर एमेज़ॉन और स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हैं, वहीं चीन ने भी 10G इंटरनेट सेवाओं का शुभारंभ किया है। चीन का दावा है कि इसकी 10G इंटरनेट सेवाएं सेकंडों में घंटों का काम कर सकती हैं, जिससे यह सेवा इंटरनेट की गति के मामले में एक नई क्रांति साबित हो सकती है।

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