Pune

AC Temperature Rule: अब 16-18 डिग्री पर नहीं चलेगा AC, सरकार लाएगी नया नियम

देश में एयर कंडीशनर (AC) के उपयोग को लेकर सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब जल्द ही ऐसा नियम लागू हो सकता है जिससे आप अपने AC को 16 या 18 डिग्री सेल्सियस पर नहीं चला पाएंगे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि देशभर में AC के तापमान को एक तय दायरे में लाने की दिशा में तैयारी की जा रही है। नए नियमों के तहत अब AC को न्यूनतम 20 डिग्री और अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस पर ही ऑपरेट किया जा सकेगा।

क्यों बदले जाएंगे AC के तापमान नियम?

गर्मी के मौसम में AC का अधिकतम उपयोग होता है, और यही सबसे बड़ी वजह है देशभर में बिजली की अत्यधिक मांग की। आमतौर पर लोग AC को 16 या 18 डिग्री पर चलाते हैं, लेकिन यह न सिर्फ अनावश्यक ऊर्जा की खपत करता है, बल्कि पावर ग्रिड पर भी भारी दबाव डालता है।

नई नीति का लक्ष्य है कि लोग एक मानक तापमान पर AC का उपयोग करें, जिससे देशभर में यूनिफॉर्मिटी आए और अत्यधिक बिजली व्यय को कम किया जा सके।

क्या होगा नया तापमान नियम?

ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, AC को अब केवल 20°C से 28°C के बीच ऑपरेट किया जा सकेगा। इससे नीचे या ऊपर तापमान सेट करने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब ये है कि अगर अभी आप अपने AC को 16°C या 18°C पर चलाते हैं, तो भविष्य में ऐसा करना संभव नहीं होगा।

ये नियम रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों सेक्टरों पर लागू होंगे, ताकि दोनों जगहों पर बिजली की खपत नियंत्रित की जा सके।

नया नियम कब से लागू होगा?

सरकार की योजना है कि यह नियम जल्द लागू किया जाए। हालांकि फिलहाल इसकी कोई आधिकारिक तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन इसे फेज वाइज तरीके से लागू करने की योजना है।

शुरुआत में इसे नए मॉडल्स के लिए अनिवार्य किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे पुराने मॉडल्स में भी अपडेट लाया जाएगा। कंपनियों को अपने AC मॉडल्स में सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर कंट्रोल लाकर इसे सुनिश्चित करना होगा।

क्या कहता है डेटा?

ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के अनुसार, अगर देश के लोग अपने AC को 24–25°C पर सेट करें, तो बिजली की खपत में भारी कमी लाई जा सकती है।

  • अगर तापमान 20°C से बढ़ाकर 24°C कर दिया जाए, तो 24% तक बिजली की बचत संभव है।
  • हर 1°C तापमान बढ़ाने से 6% बिजली की बचत होती है।
  • अगर देश के आधे AC यूजर्स इस नियम का पालन करें, तो सालाना 10 बिलियन यूनिट बिजली बचाई जा सकती है,
  • जिससे करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत कम होगी और
  • लगभग 8.2 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन में भी गिरावट आएगी।

यह बदलाव भारत को उसके कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य की ओर एक और कदम आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

यूजर्स के लिए क्या बदलेगा?

अगर आप अब तक AC को 16 या 18 डिग्री पर चलाते रहे हैं, तो आने वाले समय में आपको इस आदत को बदलना होगा।

इस नियम के लागू होने के बाद:

  • AC 20 डिग्री से कम पर कूलिंग नहीं करेगा।
  • 28 डिग्री से ऊपर का तापमान भी सेट नहीं किया जा सकेगा।

इससे ना केवल बिजली बिल में कटौती होगी, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा। विशेषज्ञों के अनुसार बहुत कम तापमान पर लंबे समय तक AC चलाने से सांस, जोड़ों और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

लोगों से लिया गया फीडबैक

सरकार ने इस बदलाव से पहले mygov.in प्लेटफॉर्म पर एक पब्लिक कंसल्टेशन सर्वे भी चलाया था, जिसमें लोगों से पूछा गया कि वे किस तापमान पर AC चलाना पसंद करते हैं।

इस सर्वे का मकसद था कि आम लोगों की कंफर्ट और बिजली खर्च की आदतों को समझा जाए ताकि नीति निर्धारण उसी के अनुरूप हो सके। यह सर्वे 25 मार्च 2025 तक खुला था और इसमें मिले इनपुट्स के आधार पर ही नीति तैयार की जा रही है।

टेक्नोलॉजी कंपनियों पर क्या असर?

इस नए नियम के लागू होने से AC निर्माता कंपनियों को अपने मॉडल्स और फर्मवेयर में बदलाव करना होगा। उन्हें ऐसे AC डिवाइस तैयार करने होंगे जिनमें टेम्परेचर लॉक फीचर हो, जिससे निर्धारित सीमा के बाहर का तापमान सेट ही ना किया जा सके।

यह बदलाव ग्रीन टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ने का संकेत भी है। कंपनियां इस मौके का उपयोग कर सकती हैं स्मार्ट फीचर्स और IoT आधारित कूलिंग सॉल्यूशंस को बढ़ावा देने के लिए।

एयर कंडीशनर के तापमान को नियंत्रित करने का यह नया नियम न सिर्फ भारत को ऊर्जा संकट से उबारने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए भी अहम साबित होगा। जैसे-जैसे देश में स्मार्ट एनर्जी समाधान अपनाने की दिशा में काम हो रहा है, वैसे-वैसे ऐसे नियम आम जनजीवन में सुधार और अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए जरूरी बनते जा रहे हैं।

Leave a comment