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Air India Plane Crash: DGCA की चेतावनी के बाद भी लापरवाही? पूर्व संयुक्त सचिव बोले- 'कहां चूकी एयरलाइन'

Air India Plane Crash: DGCA की चेतावनी के बाद भी लापरवाही? पूर्व संयुक्त सचिव बोले- 'कहां चूकी एयरलाइन'

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे को लेकर अब विमानन विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों की ओर से गंभीर सवाल उठने लगे हैं। 

Air India Plane Crash: अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। गुरुवार दोपहर लंदन के लिए रवाना हुआ यह विमान टेकऑफ के चंद मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे 241 लोगों की जान चली गई। इस भीषण हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई प्रमुख नागरिकों की मौत हुई। 

अब इस दुर्घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब यह जानकारी सामने आई है कि DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने पहले ही एयर इंडिया को इस विमान की सुरक्षा को लेकर वॉर्निंग लेटर भेजा था।

हादसे की पृष्ठभूमि: कैसे हुआ दुर्घटना?

Air India की फ्लाइट AI-187, अहमदाबाद से लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट के लिए गुरुवार दोपहर 1:38 बजे रवाना हुई थी। विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे। टेकऑफ के 6 मिनट के भीतर ही अचानक दाएं और फिर बाएं दोनों इंजन फेल हो गए। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन विमान SVP अस्पताल के हॉस्टल परिसर में जा टकराया और तुरंत आग की चपेट में आ गया।

चश्मदीदों के मुताबिक, प्लेन की ऊंचाई अचानक गिर गई और तेज धमाके के साथ वह ज़मीन से टकराया। विमान जलकर खाक हो गया और बचाव कार्य में शामिल दमकलकर्मियों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

DGCA की चेतावनी और एयर इंडिया की लापरवाही?

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. सनत कौल ने इस हादसे पर गहरी चिंता जताई है। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं बल्कि निगरानी और जवाबदेही की चूक का नतीजा भी हो सकता है। डॉ. कौल ने दावा किया कि DGCA ने पहले भी एयर इंडिया को पत्र लिखकर इस विमान और इसके रखरखाव को लेकर कई चेतावनियां दी थीं। इससे यह संकेत मिलता है कि विमान की सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज किया गया।

उन्होंने कहा, सवाल ये उठता है कि कैसे दोनों इंजन एक साथ फेल हो सकते हैं? क्या रखरखाव में चूक हुई? क्या विमान की प्री-फ्लाइट जांच ठीक से नहीं हुई?

विमान की उम्र और बोइंग की गिरती साख

हादसे का शिकार हुआ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर मॉडल का विमान था, जिसकी उम्र महज 10 साल थी। हालांकि, बोइंग एक 100 साल पुरानी प्रतिष्ठित कंपनी है, लेकिन हाल के वर्षों में उसके विमानों को लेकर लगातार कई समस्याएं सामने आई हैं। अमेरिका में भी FAA (Federal Aviation Administration) द्वारा बोइंग की गुणवत्ता जांच की जा रही है।

डॉ. कौल के अनुसार, भारत में विमानन नियम अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं, लेकिन जब तक ऑपरेशनल स्तर पर सख्ती से पालन न हो, खतरा बना रहता है। इस दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने एक हाई-लेवल जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की है। इसके अलावा, अमेरिका से NTSB (National Transportation Safety Board) और बोइंग कंपनी की एक विशेषज्ञ टीम भी भारत पहुंच रही है।

ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और अब इसकी डेटा विश्लेषण से पता चलेगा कि टेक्निकल फेलियर की असली वजह क्या थी — क्या यह डिजाइन दोष था, मेंटेनेंस में लापरवाही या फिर पायलट की ओर से कोई मिसमैनेजमेंट।

मृतकों में कई विदेशी नागरिक, सरकार की मदद की कोशिश

इस हादसे में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। कई देशों की सरकारों ने भारत सरकार से हादसे पर जानकारी मांगी है और सहायता की पेशकश की है। भारत सरकार ने पीड़ितों के परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक जताया और हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। 

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