मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर चल रहा विवाद अब पूरी तरह सियासी रंग ले चुका है। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोगों और संत समाज के विरोध के बीच, अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
मथुरा: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी के दौर में है। इस बार बहस का केंद्र है वृंदावन के प्रतिष्ठित बांके बिहारी मंदिर का प्रस्तावित कॉरिडोर, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी का असली मकसद धरती और आस्था दोनों पर कब्ज़ा करना है।
कॉरिडोर के पीछे जमीन कब्ज़ाने की साजिश: अखिलेश
लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का प्रस्ताव स्थानीय जनता और मंदिर प्रशासन की राय के बिना थोपने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, जहां जमीन दिखती है, बीजेपी वहां कब्जा कर लेती है। यह अब भारतीय जनता पार्टी नहीं, बल्कि भारतीय जमीनी पार्टी बन गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कॉरिडोर के नाम पर मंदिर की परंपराओं, चंदे और जमीन पर नियंत्रण की योजना बनाई जा रही है। उनका दावा है कि स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं, और सरकार उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।
अयोध्या में किसानों की ज़मीन पर भी उठे सवाल
अखिलेश ने न केवल वृंदावन, बल्कि अयोध्या को भी निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में किसानों की ज़मीन को औने-पौने दामों में खरीदा गया और बाद में उसे ऊंचे दामों पर राजनीतिक रसूख वालों को बेच दिया गया। उन्होंने कहा, अयोध्या में सबसे बड़ी लूट हुई है। जमीनों की इस बंदरबांट में अधिकारी और बीजेपी नेता एक साथ मिले हुए हैं।
उन्होंने इस मुद्दे को आगामी विधानसभा सत्र में उठाने की बात कही और संकेत दिया कि यह मामला केवल सड़क तक नहीं, बल्कि विधानसभा और न्यायपालिका तक जाएगा।
बनारस के मंदिरों को लेकर भी लगे गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने बनारस में भी प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर बनारस की ऐतिहासिक गलियों और विरासत का नुकसान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, धरती पर शायद ही किसी सरकार ने इतने मंदिर तोड़े होंगे, जितने बीजेपी के कार्यकाल में तोड़े गए। यह आस्था पर सीधा हमला है।
अखिलेश यादव ने बीजेपी को अंतरराष्ट्रीय उदाहरण देते हुए सीख लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कई देश अपनी ऐतिहासिक विरासतों और धार्मिक स्थलों को सहेजने में लगे हैं, लेकिन भारत में मौजूदा सरकार धार्मिक स्थलों को व्यवसायिक अवसर में बदल रही है। वेनिस, पेरिस, लंदन और यूरोप के अन्य शहरों में पुराने मोहल्लों को संवारा गया है, तोड़े नहीं गए। बीजेपी को भी अपनी आस्था और विरासत को नष्ट करने की बजाय उसका संरक्षण करना चाहिए।
राजनीतिक साजिश या विकास की योजना?
बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर जहां सरकार इसे आस्थावानों के लिए सुविधाजनक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश और भूमि अधिग्रहण योजना करार दे रहा है। सरकार की ओर से अब तक यही कहा गया है कि कॉरिडोर से श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था मिलेगी और भीड़ प्रबंधन आसान होगा। हालांकि स्थानीय संतों, पुजारियों और निवासियों ने भी इस योजना पर आपत्ति जताई है।