Pune

बिहार का असली गब्बर कौन? सम्राट चौधरी के बयान से सियासत गर्म, RJD ने किया तीखा पलटवार

बिहार का असली गब्बर कौन? सम्राट चौधरी के बयान से सियासत गर्म, RJD ने किया तीखा पलटवार

क्या लालू प्रसाद यादव बिहार के गब्बर सिंह हैं? यह सवाल अब सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है, और इसकी शुरुआत खुद बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के एक बयान से हुई है।

पटना: बिहार की राजनीति इन दिनों फिर गर्माई हुई है। इस बार विवाद की वजह बना है डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का बयान, जिसमें उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 'बिहार का गब्बर' कह दिया। इस टिप्पणी के बाद प्रदेश की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। राजद (RJD) ने इस बयान को 'शर्मनाक और भटकाव पैदा करने वाला' बताया है और पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम पर जमकर निशाना साधा है।

गब्बर है लालू प्रसाद: सम्राट चौधरी 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, अगर बिहार में कोई गब्बर है, तो वो लालू प्रसाद हैं। लोग डरते हैं कि कहीं गब्बर वापस न आ जाए। सम्राट ने दावा किया कि नीतीश सरकार आने के बाद बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन में क्रांतिकारी बदलाव लाया गया है। 

उन्होंने कहा कि लालू यादव के कार्यकाल में मात्र 12 लाख लोग पेंशन पा रहे थे, जबकि आज 1 करोड़ 9 लाख लोगों को पेंशन मिल रही है। नई योजना के तहत यह राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति व्यक्ति की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार 9000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

पलायन रोकेंगे, लोग लौटेंगे बिहार: चौधरी का वादा

सम्राट चौधरी ने यह भी वादा किया कि 2025 से 2030 के बीच हमारी सरकार उन लोगों को बिहार वापस लाएगी, जो यहां से पलायन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास योजनाओं की बारिश हो रही है, और केंद्र के साथ मिलकर नीतीश सरकार राज्य में निवेश और रोजगार के नए अवसर बना रही है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने सम्राट चौधरी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, सम्राट चौधरी को अपने हाथ पर लिख लेना चाहिए – ‘गद्दार का बेटा हूं, मुझे वोट दो।’ ये वही नेता हैं जो पहले आरजेडी से जीते थे और फिर बैकडोर से सत्ता में आए हैं। ये खुद गब्बर टैक्स वसूलते हैं और अब लालू जी पर उंगली उठा रहे हैं।”

राजद ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सामाजिक न्याय और दलित-ओबीसी की आवाज को बुलंद किया, जिसकी वजह से वे आज भी जनता के दिलों में बसे हैं। शक्ति यादव ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि जिनके अपने पिता बीजेपी विरोधी थे, वो आज सत्ता के लिए उन्हीं की गोद में बैठे हैं। ऐसे लोगों को नैतिकता पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।

नीतीश के बेटे को लेकर भी छिड़ा विवाद

हाल ही में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बेटे को राजनीति में आने से रोक रहे हैं। इस पर भी सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा, नीतीश जी का बेटा राजनीति में आएगा या नहीं, ये उनका निजी फैसला है। तेजस्वी यादव और उनका परिवार यह तय नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी का परिवार खुद भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त रहा है और उन्हें दूसरों के परिवारों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सम्राट चौधरी का बयान जानबूझकर ध्रुवीकरण और ध्यान भटकाने के लिए दिया गया है। एक तरफ राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, और कानून व्यवस्था को लेकर जनता परेशान है, वहीं दूसरी ओर नेताओं की बयानबाजी सुर्खियां बटोर रही है। यह बयान आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण की शुरुआत मानी जा रही है।

Leave a comment