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Bhool Chuk Maaf की ओटीटी रिलीज पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, 60 करोड़ के विवाद में नया मोड़

राजकुमार राव और वामिका गब्बी की अपकमिंग फिल्म "भूल चूक माफ" को लेकर विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक तरफ फिल्म के मेकर्स इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने की तैयारी कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ पीवीआर इनॉक्स ने 60 करोड़ रुपये का भारी-भरकम मुकदमा दायर किया है। 

Bhool Chuk Maaf: बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में राजकुमार राव और वामिका गब्बी की फिल्म भूल चूक माफ (Bhool Chuk Maaf) की ओटीटी रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला पीवीआर इनॉक्स द्वारा मैडॉक फिल्म्स के खिलाफ 60 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर करने के बाद आया है। फिल्म पहले 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन अंतिम समय में मैडॉक फिल्म्स ने इसे रद्द कर दिया और 16 मई को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज करने की घोषणा की। इस अचानक हुए बदलाव से पीवीआर को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, जिसके कारण उन्होंने कानूनी कार्रवाई की।

मामला क्या है?

फिल्म भूल चूक माफ 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन आखिरी वक्त में मैडॉक फिल्म्स (Maddock Films) ने अपने फैसले को बदलते हुए इसे 16 मई को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज करने का ऐलान किया। इस फैसले से पीवीआर इनॉक्स को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, जिसके बाद उन्होंने फिल्म के मेकर्स के खिलाफ 60 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर कर दिया।

पारंपरिक फिल्म रिलीज के तहत पीवीआर इनॉक्स ने इस फिल्म की प्रचार और स्क्रीन बुकिंग पर भारी निवेश किया था, लेकिन अचानक ओटीटी पर रिलीज का फैसला उन्हें बड़ा झटका दे गया। पीवीआर का कहना था कि मैडॉक फिल्म्स ने आखिरी समय में बदलाव किया, जिससे उन्हें अपने निवेश पर भारी नुकसान हुआ। वहीं, मैडॉक ने फिल्म की सिनेमाघरों में रिलीज रद्द करने का कारण भारत-पाकिस्तान के तनाव और पहलगाम आतंकी हमले को बताया था।

हाई कोर्ट का फैसला

9 मई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीवीआर के पक्ष में फैसला सुनाया और फिल्म की ओटीटी रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने जस्टिस अरिफ डॉक्टर की अध्यक्षता में यह आदेश दिया। जस्टिस डॉक्टर ने यह कहा कि पीवीआर ने प्रचार, स्क्रीन बुकिंग और टिकट बिक्री पर अपने निवेश के लिए जिम्मेदारी निभाई थी। इसलिए अचानक हुए इस फैसले से पीवीआर की प्रतिष्ठा को भी नुकसान हुआ है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि मैडॉक फिल्म्स का यह दावा कि फिल्म का मालिकाना हक उन्हें मनमानी तरीके से फिल्म रिलीज करने की अनुमति देता है, खारिज किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला फिल्म इंडस्ट्री में अनुबंधों की पवित्रता से जुड़ा हुआ है।

पीवीआर का आरोप और मैडॉक का बयान

पीवीआर ने अपनी याचिका में कहा था कि 6 मई को हुए समझौते के तहत फिल्म को 8 सप्ताह के थिएट्रिकल विंडो के बाद ओटीटी पर रिलीज किया जाना था। पीवीआर ने इस बीच फिल्म की प्रचार गतिविधियों, स्क्रीन बुकिंग और टिकट बिक्री पर भारी निवेश किया था। अचानक फिल्म को ओटीटी पर रिलीज करने के फैसले ने उन्हें 60 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

वहीं, मैडॉक फिल्म्स का कहना था कि फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करने से पहले देश की सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म को ओटीटी पर रिलीज किया जा रहा है, ताकि दर्शकों को अधिक से अधिक सुरक्षित अनुभव मिल सके।

फिल्म और विवाद का प्रभाव

भूल चूक माफ एक रोमांटिक कॉमेडी है, जिसमें राजकुमार राव, वामिका गब्बी, संजय मिश्रा, और सीमा पाहवा जैसे प्रमुख कलाकार हैं। यह फिल्म एक हल्की-फुल्की प्रेम कहानी के साथ दर्शकों को हंसी और रोमांस का मसाला देने के लिए तैयार है। इस विवाद ने फिल्म इंडस्ट्री में अनुबंधों की अहमियत को सामने ला दिया है। पीवीआर और मैडॉक के बीच यह विवाद थिएट्रिकल रिलीज के महत्व को भी उजागर करता है, जो कि फिल्म इंडस्ट्री में लंबे समय से स्थापित एक परंपरा है। 

इस फैसले के बाद यह सवाल उठता है कि क्या फिल्म मेकर्स को अपनी रिलीज रणनीतियों को फिर से तैयार करना होगा और क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ फिल्म इंडस्ट्री के संबंधों में नए बदलाव आएंगे।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की है। इस दौरान दोनों पक्षों को अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। फिल्म की ओटीटी रिलीज पर यह रोक फिलहाल जारी रहेगी। इस विवाद ने पूरे फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मैडॉक फिल्म्स और पीवीआर के बीच इस मामले का समाधान कैसे निकलता है।

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