कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 मई को दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’ की शुरुआत करेंगे। कन्हैया कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत वे छात्रों से मिलकर शिक्षा व्यवस्था की समस्याएं जानेंगे और ‘न्याय पत्र’ तैयार करेंगे।
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 मई को बिहार के दरभंगा दौरे पर होंगे, जहां वे 'शिक्षा न्याय संवाद' की शुरुआत करेंगे। इस यात्रा के दौरान, वे बिहार में शिक्षा व्यवस्था की समस्याओं को उजागर करेंगे और छात्रों से मिलकर उनकी परेशानियों को सुनेंगे। इस अभियान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कन्हैया कुमार ने विस्तार से जानकारी दी है। यह संवाद बिहार में कांग्रेस के जनसंपर्क अभियान का हिस्सा होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य बिहार के शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त मुद्दों को सामने लाना है।
‘शिक्षा न्याय संवाद’ के तहत क्या होगा?
कांग्रेस ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करने के लिए ‘शिक्षा न्याय संवाद’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, राहुल गांधी और कांग्रेस के 60 से अधिक राष्ट्रीय नेता राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर छात्रों से संवाद करेंगे। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य यह है कि कांग्रेस नेता छात्रों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद एक ‘न्याय पत्र’ तैयार किया जाएगा, जिसमें छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
कन्हैया कुमार ने बताया कि यह अभियान समयबद्ध नहीं होगा, बल्कि यह निरंतर चलता रहेगा। कांग्रेस नेता कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज, और छात्रावासों का दौरा करेंगे और छात्रों के मुद्दों को जानने की कोशिश करेंगे।
शिक्षा व्यवस्था की खामियां और छात्रों की समस्याएं
कन्हैया कुमार ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी कई समस्याओं को उठाया है। उनका कहना है कि बिहार के छात्र वर्षों से शैक्षणिक सत्रों में देरी, प्रश्नपत्र लीक, और विरोध प्रदर्शन करने पर दमन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, छात्रों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं।
कांग्रेस का यह अभियान बिहार में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है। इस संवाद के आधार पर, कांग्रेस ने 'न्याय पत्र' तैयार करने की योजना बनाई है, जो बिहार में आने वाले समय में सरकार बनाने पर, भारत गठबंधन के वादों का आधार बनेगा।
कांग्रेस का जनसंपर्क अभियान
पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस का जनसंपर्क अभियान कोई फिल्म नहीं है, जिसे हिट या फ्लॉप के तौर पर देखा जाए। उन्होंने बताया कि 'पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा' तो खत्म हो गई, लेकिन कांग्रेस का जनता से जुड़ने का अभियान लगातार जारी रहेगा। कांग्रेस का उद्देश्य है कि वे बिहार की जनता के दिलों में अपनी जगह बनाएं और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए संघर्ष करें।
कन्हैया कुमार ने कहा कि जनता से जुड़ना एक निरंतर प्रक्रिया है। कांग्रेस के नेता सिर्फ चुनाव के समय नहीं, बल्कि हर वक्त जनता के बीच रहकर उनके मुद्दों का समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे।
नीतीश कुमार और डबल इंजन सरकार पर निशाना
बिहार की डबल इंजन सरकार पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को कोई खास फायदा नहीं हुआ है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में बुलेट ट्रेन जैसे बड़े प्रोजेक्ट मिल रहे हैं। बिहार के विकास के मामले में यह असमानता कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने डबल इंजन सरकार के खिलाफ विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में कोई वास्तविक बदलाव नहीं हुआ है। कांग्रेस का मानना है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था और विकास के लिए एक मजबूत और स्थिर सरकार की आवश्यकता है।
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस का रुख
कन्हैया कुमार ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातीय जनगणना को वैज्ञानिक तरीके से करना चाहती है, जैसे तेलंगाना में किया गया था। इसके लिए विस्तृत प्रश्नावली के आधार पर जनगणना की जाएगी, ताकि सभी जातियों और समुदायों का सही आंकड़ा प्राप्त किया जा सके।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि 50% आरक्षण की सीमा को हटाने का पक्ष लिया जा सकता है। यदि जरूरत पड़ी तो EWS (Economically Weaker Section) आरक्षण को भी बढ़ाया जा सकता है, ताकि सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुसार न्याय मिल सके। कांग्रेस इस मामले में एक ठोस और पारदर्शी नीति बनाने का इरादा रखती है।