AAP नेता संजय सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के एक महीने पर कहा कि सरकार अभी भी लक्ष्य से दूर है। पहलगाम हमले के दोषी पकड़े नहीं गए और मोदी ने ऐतिहासिक मौका गंवा दिया।
Sanjay Singh on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत को एक महीना पूरा हो चुका है। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हुए कई अहम मुद्दों पर बयान दिया। उनका कहना है कि यह ऑपरेशन न तो केवल राजनीतिक फायदे के लिए शुरू हुआ था और न ही इसे चुनाव प्रचार का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब प्रधानमंत्री को इस ऑपरेशन से जुड़े सभी सवालों का जवाब देश के सामने आकर देना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर का असली उद्देश्य क्या था?
संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि इसका मकसद पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) पर नियंत्रण पाना और आतंकवादी ठिकानों का पूरी तरह से सफाया करना था। उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों को न तो मारा गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है। यह ऑपरेशन तभी सफल माना जाएगा जब इसके घोषित लक्ष्य पूरे हों।
ट्रंप के दबाव में छूटा ऐतिहासिक मौका?
अपने बयान में संजय सिंह ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पीओके पर कब्जा करने और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से हटाने का सुनहरा मौका था। लेकिन अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में वह मौका हाथ से निकल गया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने खुद कई बार दावा किया कि उन्होंने व्यापारिक दबाव बनाकर भारत को युद्ध रोकने पर मजबूर किया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत ने कूटनीतिक दबाव के आगे झुककर अपने लक्ष्य को अधूरा छोड़ दिया?
पहलगाम हमला और कार्रवाई में देरी
संजय सिंह का मुख्य आरोप यह भी रहा कि पहलगाम हमले के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा गया, वह न केवल दिल दहला देने वाली घटना है, बल्कि यह देश की अस्मिता पर सीधा हमला है। इसके बावजूद अब तक किसी भी आतंकी की गिरफ्तारी या मुठभेड़ में मौत की खबर नहीं आई है, जिससे जनता के बीच असंतोष है।
प्रधानमंत्री को संसद में जवाब देना चाहिए
संजय सिंह ने कहा कि जब देश के CDS (Chief of Defence Staff) ने खुद सवाल उठाए हैं कि विमान क्यों गिरे, ऑपरेशन में किस स्तर की चूक हुई, तो इन सवालों का जवाब देश के प्रधानमंत्री को संसद में आकर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के जवाब किसी पार्टी का नेता नहीं दे सकता, इसके लिए केवल प्रधानमंत्री की जवाबदेही बनती है।