बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण हाल ही में डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'स्पिरिट' से बाहर हो गईं, और इस फैसले के पीछे की वजह अब इंडस्ट्री में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है।
Siddharth P Malhotra On 8 Hours Shift: बॉलीवुड में इन दिनों शूटिंग शेड्यूल और वर्किंग आवर्स को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। इसकी शुरुआत हुई जब संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ से दीपिका पादुकोण के बाहर होने की खबर सामने आई। दावा किया गया कि दीपिका ने 8 घंटे की शिफ्ट की डिमांड रखी थी, जिसे फिल्म की टीम ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद फिल्म से दीपिका का नाम हट गया और इस मुद्दे ने सोशल मीडिया से लेकर इंडस्ट्री तक में बहस छेड़ दी।
अब इस विवाद पर जाने-माने फिल्म डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और दीपिका का पक्ष लेते हुए खुलकर उनका समर्थन किया है। उन्होंने साफ कहा कि 8 घंटे की शिफ्ट की मांग न तो नई है और न ही असामान्य। उन्होंने रानी मुखर्जी और काजोल जैसे बड़े नामों का उदाहरण देकर इस बात को और मजबूत किया।
'हिचकी' में भी 8 घंटे की शिफ्ट
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी चर्चित फिल्म ‘हिचकी’ (2018) की शूटिंग पूरी तरह 8 घंटे की शिफ्ट में ही की थी। उन्होंने कहा, हमने पूरी फिल्म 28 आठ घंटे की शिफ्ट में पूरी की। इसमें रानी मुखर्जी, बच्चे, टेक्निकल क्रू सभी शामिल थे। सबने अपने काम की प्लानिंग उसी शेड्यूल के हिसाब से की और फिल्म समय पर पूरी हुई। सिद्धार्थ ने ये भी स्पष्ट किया कि सीमित समय में क्वालिटी वर्क करना नामुमकिन नहीं है, बस टीमवर्क और प्रोफेशनलिज्म चाहिए।
काजोल और रानी भी रख चुकी हैं ऐसी शर्तें
इंटरव्यू में उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने साल 2010 में काजोल के साथ जब काम किया था, तब भी वही शर्त रखी गई थी। काजोल ने साफ कहा था कि वो 8 घंटे की शिफ्ट में ही शूटिंग करेंगी — चाहे वो सुबह 10 से शाम 6 हो, या सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक। रानी मुखर्जी भी यही फॉर्मूला फॉलो करती थीं। तो अगर दीपिका यही चाहती हैं, तो इसमें नया कुछ भी नहीं है।
सिद्धार्थ ने दीपिका की आलोचना करने वालों को भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एक महिला कलाकार अगर अपने परिवार के लिए समय चाहती है या संतुलन बनाए रखना चाहती है, तो उसमें कोई बुराई नहीं है। ये केवल दीपिका की बात नहीं है। लोग बस उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं पब्लिसिटी के लिए। अगर कोई कलाकार कहता है कि मैं 8 घंटे काम करूंगा, और आपको उस एक्टर की जरूरत है, तो आप उसी समय सीमा में क्वालिटी वर्क पूरा कर सकते हैं।
‘स्पिरिट’ विवाद: फिर से चर्चा में आया इंडस्ट्री का वर्क कल्चर
‘स्पिरिट’ फिल्म से दीपिका के बाहर होने के बाद, सोशल मीडिया पर भी इंडस्ट्री के अनरियलिस्टिक वर्क कल्चर पर सवाल उठे। कुछ एक्टर्स ने दीपिका का समर्थन किया, जबकि कुछ ने फिल्ममेकर्स का पक्ष लिया। हालांकि, सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा जैसे निर्देशकों का समर्थन यह दर्शाता है कि इंडस्ट्री में काम करने के तरीके में अब धीरे-धीरे बदलाव की लहर चल रही है — जहां कलाकार भी अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।