हिंदू ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को शुभता, ज्ञान, धर्म और समृद्धि का कारक माना गया है। लेकिन जब ये शुभ ग्रह राहु जैसे छाया ग्रह के प्रभाव में आता है, तो इसके परिणाम उलट हो सकते हैं। 14 जून 2025 को गुरु ग्रह मृगशिरा नक्षत्र से निकलकर राहु के नक्षत्र आर्द्रा में प्रवेश करेगा और 13 अगस्त तक इसी नक्षत्र में संचार करेगा।
इस दौरान गुरु का यह गोचर कई राशियों के लिए जीवन में बाधाएं, भ्रम और असमंजस की स्थिति ला सकता है। विशेषकर 4 राशियों – मेष, कर्क, तुला और मकर के लिए यह समय चुनौतियों से भरा रह सकता है। पारिवारिक जीवन में तनाव, करियर में अस्थिरता और आर्थिक दिक्कतें इन जातकों को परेशान कर सकती हैं।
मेष राशि: आत्मविश्वास में गिरावट और पारिवारिक कलह
गुरु जब राहु के नक्षत्र में प्रवेश करेगा, तो मेष राशि के जातकों का आत्मबल कमजोर पड़ सकता है। जल्दी निर्णय लेने में दिक्कत आएगी और कई बार फैसले गलत हो सकते हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और छोटी-छोटी बातों में माता-पिता या भाई-बहनों से विवाद की संभावना है। इस समय स्वास्थ्य भी कमजोर रह सकता है – खासकर लिवर और रक्तचाप से संबंधित दिक्कतें।
धार्मिक उपाय:
- गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और पीली वस्तुओं का दान करें (जैसे हल्दी, चना, पीला फल)।
- 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
- गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए वट वृक्ष की सेवा करें और जल अर्पित करें।
कर्क राशि: आर्थिक हानि और कार्यक्षेत्र में संघर्ष
गुरु कर्क राशि के हानि भाव में है और जब वह राहु के नक्षत्र में पहुंचेगा, तो आपकी वित्तीय स्थिति डगमगाने लग सकती है। अचानक खर्चों में वृद्धि, पुराने निवेश से हानि और नौकरी में अस्थिरता संभव है। विदेश में काम कर रहे जातकों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही आपके करियर को नुकसान पहुँचा सकती है।
धार्मिक उपाय:
- प्रतिदिन 'गुरु कवच' का पाठ करें।
- पुराने पीले कपड़े या पीतल का बर्तन किसी ब्राह्मण को दान करें।
- केले के पेड़ की पूजा करें, जल अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं।
तुला राशि: रिश्तों में खटास और मानसिक तनाव
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर वैवाहिक और पारिवारिक रिश्तों में खटास ला सकता है। जीवनसाथी के साथ अनबन, ससुराल पक्ष से तनाव, और माता-पिता की ओर से असंतोष का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक रूप से भ्रम की स्थिति बनी रहेगी और किसी निर्णय पर पहुँचना कठिन होगा। साथ ही करियर में भी अनिश्चितता बनी रह सकती है।
धार्मिक उपाय:
- हर गुरुवार को बेसन के लड्डू गरीब बच्चों में बांटें।
- पीली मिठाई से गुरुवार को विष्णु और गुरु की पूजा करें।
- तुलसी के पौधे में जल डालें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
मकर राशि: काम में असफलता और सेहत की चिंता
गुरु का यह गोचर मकर राशि वालों के लिए चुनौतियों से भरा रहेगा। काम का दबाव, अपेक्षित परिणाम न मिलना और वरिष्ठ अधिकारियों से टकराव हो सकता है। जो लोग राजनीति, कानून या प्रशासन से जुड़े हैं, उनके लिए यह समय विशेष तनावपूर्ण हो सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से हड्डियों, जोड़ों और थकावट संबंधी समस्याएँ उभर सकती हैं।
धार्मिक उपाय:
- सूर्यास्त के समय घर में कपूर जलाकर शुद्धिकरण करें।
- बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर हल्दी और चंदन चढ़ाएं।
- गरीबों को पीली दाल और गुड़ का दान करें।
क्यों होता है राहु का नक्षत्र इतना प्रभावशाली?
राहु को 'छाया ग्रह' कहा गया है जो भ्रम, लालच और मानसिक तनाव का कारक माना जाता है। जब गुरु जैसा शुभ ग्रह राहु के नक्षत्र में आता है तो ज्ञान पर भ्रम, और विश्वास पर संदेह का असर पड़ता है। यह समय सांसारिक मोह और भटकाव बढ़ाने वाला होता है, इसलिए संयम और आस्था सबसे बड़े उपाय हैं।
14 जून से 13 अगस्त तक का समय कुछ राशियों के लिए आत्ममंथन और संयम का है। यह समय जितना सतर्क रहने का है, उतना ही आध्यात्मिक होने का भी। अगर आप ऊपर बताए गए उपाय अपनाते हैं और नियमित रूप से अपनी सोच और कर्म पर नियंत्रण रखते हैं, तो राहु के प्रभाव को कम किया जा सकता है।