भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में गौरवान्वित किया है। जून 2025 की शुरुआत में, ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C59 रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसके साथ Earth Observation Satellite (EOS-07) भी भेजा गया।
यह लॉन्च भारत की Earth Surveillance और Meteorological Capabilities को अगले स्तर तक ले जाने वाला है, जो कृषि, जलवायु और रक्षा जैसे क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाएगा।
PSLV-C59: मिशन का संक्षिप्त परिचय
- रॉकेट का नाम: Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV-C59)
- मुख्य उपग्रह: EOS-07 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट)
- लॉन्च स्थल: सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा
- लॉन्च तिथि: 5 जून 2025
- लॉन्च समय: सुबह 9:12 बजे IST
- उपग्रहों की संख्या: कुल 9 (1 मुख्य, 8 सहायक नैनो-सैटेलाइट्स)
EOS-07: क्यों है यह सैटेलाइट खास?
EOS-07 एक अत्याधुनिक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है जो हाई-रेज़ोल्यूशन इमेजिंग, एग्रीकल्चर मैपिंग, डिजास्टर मॉनिटरिंग, और मौसम विज्ञान के लिए प्रयोग होगा। इसकी मदद से भारत:
- बाढ़, तूफान और सूखे जैसी आपदाओं की भविष्यवाणी बेहतर कर सकेगा।
- सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी में अधिक सक्षम होगा।
- पर्यावरणीय बदलावों पर सटीक डेटा प्राप्त कर सकेगा।
EOS-07 में नवीनतम ऑनबोर्ड AI मॉड्यूल्स भी शामिल हैं, जो रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग में मदद करेंगे।
अन्य सैटेलाइट्स भी भेजे गए
ISRO ने इस मिशन में कुल 9 सैटेलाइट्स भेजे, जिनमें 8 कॉमर्शियल और स्टूडेंट प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। इनमें से कई प्राइवेट इंडियन स्टार्टअप्स और विदेशी एजेंसियों द्वारा बनाए गए हैं, जैसे:
- Antaris Inc (USA)
- Dhruva Space (India)
- SpaceKidz India
ये सैटेलाइट्स कम्युनिकेशन, तकनीकी परीक्षण और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं।
ISRO की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पहचान
PSLV-C59 की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूत बनाती है। ISRO का यह 90वां PSLV मिशन है, और इसमें अब तक की सबसे टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट देखी गई। इसरो अब Moon Mission (Chandrayaan-4) और Gaganyaan (मानव मिशन) की तैयारियों में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों की राय
अंतरिक्ष विश्लेषक डॉ. मनीषा अग्रवाल कहती हैं: EOS-07 जैसे मिशन सिर्फ डेटा नहीं भेजते, ये भारत की रणनीतिक, वैज्ञानिक और रक्षा क्षमताओं को एक नई दिशा देते हैं। ISRO का यह कदम 'Atmanirbhar Bharat' की दिशा में अहम योगदान है। जहां अमेरिका और चीन जैसे देश भी Earth Observation में भारी निवेश कर रहे हैं, वहीं भारत ने अपनी सीमित लागत में उच्च गुणवत्ता वाले उपग्रह भेजकर दुनिया को चौंका दिया है। PSLV जैसे मिशन "Low Cost, High Impact" मॉडल के उदाहरण बन चुके हैं।
भारत का PSLV-C59 मिशन एक बार फिर साबित करता है कि ISRO सिर्फ रॉकेट नहीं, भारत का आत्मविश्वास और वैज्ञानिक सोच भी लॉन्च करता है।
EOS-07 की उड़ान के साथ भारत अब कृषि, रक्षा और पर्यावरणीय बदलावों से लड़ने में और अधिक मजबूत हो गया है।