नासा के अनुसार, 2024 YR4 क्षुद्रग्रह के 2032 में चंद्रमा से टकराने की संभावना 4.3% है, लेकिन पृथ्वी पूरी तरह सुरक्षित है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना है क्षुद्रग्रह 2024 YR4। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से मिले नए डेटा के आधार पर नासा ने इस क्षुद्रग्रह के संभावित टकराव के आंकड़ों को अपडेट किया है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह अंतरिक्ष चट्टान अब दिसंबर 2032 में चंद्रमा से टकरा सकती है – और इसके चांद से टकराने की संभावना अब 4.3% आंकी गई है, जो पहले 3.8% थी। हालांकि, इससे जुड़ा सबसे बड़ा सुकून यह है कि पृथ्वी इस टकराव से पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। नासा ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस क्षुद्रग्रह से धरती को कोई खतरा नहीं है और यह टकराव अगर होता भी है तो केवल चंद्रमा पर असर डालेगा।
JWST डेटा से मिला नई गणना का आधार
नासा की रिपोर्ट के अनुसार, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपने नियर-इन्फ्रारेड कैमरे से क्षुद्रग्रह 2024 YR4 की विस्तृत निगरानी की। इससे वैज्ञानिकों को इसके कक्षीय मार्ग को पहले के मुकाबले 20% अधिक सटीकता से परखने का मौका मिला। इसी डेटा के आधार पर यह अनुमान सामने आया कि दिसंबर 2032 में यह चंद्रमा की ओर बढ़ सकता है, हालांकि इसकी संभावना अभी भी बहुत कम मानी जा रही है।
क्या है 2024 YR4?
यह क्षुद्रग्रह लगभग 10 मंजिला इमारत जितना बड़ा है और इसे पहली बार दिसंबर 2023 में खोजा गया था। शुरुआत में इसके धरती से टकराने की 3.1% संभावना जताई गई थी, जो किसी बड़े क्षुद्रग्रह के मामले में अब तक की सबसे अधिक टकराव संभावना थी।
इसने 2024 की शुरुआत में पूरी दुनिया का ध्यान खींचा क्योंकि इसके गिरने की दिशा प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों की ओर बताई जा रही थी। यदि यह वास्तव में धरती से टकराता, तो कुछ जगहों पर खिड़कियों के टूटने या छोटे स्तर पर संरचनात्मक क्षति की आशंका थी।
धरती से टकराने की आशंका हो चुकी है खारिज
हालांकि, फरवरी 2024 तक की गई विस्तृत गणनाओं और दुनिया भर की दूरबीनों से मिले डेटा के आधार पर नासा ने इस टकराव की आशंका को खारिज कर दिया। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षुद्रग्रह के धरती से टकराने की संभावना 0.004% से भी कम है, यानी लगभग नगण्य।
चिली और हवाई जैसे स्थानों से जुटाए गए अतिरिक्त डेटा से यह भी पता चला कि यह क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट से आया है और समय के साथ पृथ्वी की कक्षा के नजदीक पहुंचा।
चंद्रमा से टकराव कितना खतरनाक?
चंद्रमा से संभावित टकराव को लेकर भी वैज्ञानिकों ने चिंता की कोई बात नहीं कही है। जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी के एंडी रिवकिन के नेतृत्व में हुई गणनाओं के अनुसार, अगर टकराव होता भी है तो इससे चंद्रमा की कक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के पूर्व खगोलशास्त्री पवन कुमार का मानना है कि ऐसी टक्कर से उत्पन्न मलबा या तो चंद्रमा से चिपक कर रह जाएगा या अंतरिक्ष में घूमते हुए धीरे-धीरे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर नष्ट हो जाएगा।
2028 में फिर दिखेगा YR4
अभी 2024 YR4 दृश्य सीमा से बाहर जा चुका है, लेकिन वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह 2028 में फिर से दूरबीनों की नजर में आएगा। यह एक और मौका होगा जब इसकी संरचना, प्रक्षेप पथ और गतिशीलता पर नए सिरे से अध्ययन किया जा सकेगा। इससे 2032 के संभावित घटनाक्रम को लेकर और भी स्पष्टता मिलेगी।
एक ‘रियल टाइम टेस्ट’ बना 2024 YR4
हालांकि अब यह क्षुद्रग्रह धरती के लिए खतरा नहीं है, लेकिन यह वैश्विक स्तर पर ग्रहीय रक्षा प्रणाली (Planetary Defense) के लिए एक प्रकार का अभ्यास बन गया है। पवन कुमार कहते हैं, '2024 YR4 ने साबित किया कि किस तरह दुनिया एक संभावित अंतरिक्ष खतरे से निपट सकती है – इसमें प्रारंभिक पहचान, डेटा संग्रह, विश्लेषण और वैश्विक चेतावनी प्रणाली की भूमिका अहम रही।'