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नक्शे की गलती पर इजरायली डिफेंस फोर्स ने भारत से मांगी माफी, जानिए पूरा मामला

नक्शे की गलती पर इजरायली डिफेंस फोर्स ने भारत से मांगी माफी, जानिए पूरा मामला

इजरायली सेना ने एक मैप में भारत के नक्शे को गलत तरीके से दर्शाया। भारतीय यूजर्स की आलोचना के बाद IDF ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी और सफाई दी।

Israel: इजरायली रक्षा बल (IDF) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक साझा किया जिसमें ईरान की मिसाइल रेंज को दिखाया गया था। इस ग्राफिक में भारत का नक्शा गलत तरीके से दर्शाया गया था। विशेष रूप से, जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का और पूर्वोत्तर राज्यों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया। पोस्ट सार्वजनिक होते ही भारतीय यूजर्स ने इस त्रुटि पर आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ गई।

इजरायल ने मानी गलती, सार्वजनिक रूप से मांगी माफी

विवाद बढ़ने पर इजरायली सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और शनिवार को इस गलती के लिए औपचारिक रूप से माफी मांगी। IDF ने स्पष्ट किया कि इस ग्राफिक का उद्देश्य किसी भी देश की राजनीतिक सीमाओं का सटीक चित्रण नहीं था, बल्कि केवल ईरान की मिसाइल रेंज को दर्शाना था। उन्होंने कहा कि यदि किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो वे इसके लिए खेद प्रकट करते हैं।

ग्राफिक में भारत सहित कई देशों को दिखाया मिसाइल रेंज में

IDF द्वारा जारी ग्राफिक में भारत के अलावा रूस, यूक्रेन, चीन, सूडान और अन्य करीब 15 देशों को ईरान की मिसाइल रेंज में दर्शाया गया। पोस्ट में कहा गया था कि "ईरान सिर्फ इजरायल के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक खतरा है"। इस संदेश के साथ मैप को साझा किया गया, जिसमें भारत को भी इस रेंज में दिखाया गया।

भारतीय यूजर्स की प्रतिक्रिया के बाद आया माफीनामा

IDF की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कई भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने नक्शे में दिखाई गई त्रुटियों को उजागर किया। यूजर्स ने सवाल उठाया कि एक सहयोगी देश होते हुए भी भारत के नक्शे को गलत तरीके से क्यों दर्शाया गया। इसके जवाब में इजरायली रक्षा बल ने यह कहते हुए क्षमा मांगी कि नक्शा प्रतीकात्मक था और उसका उद्देश्य सीमाओं का राजनीतिक निरूपण नहीं था।

भारत की क्षेत्रीय अखंडता को लेकर संवेदनशीलता

भारत में क्षेत्रीय अखंडता एक संवेदनशील मुद्दा है। केंद्र सरकार और भारतीय नागरिक दोनों ही भारत के नक्शे को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं। इस तरह की किसी भी सार्वजनिक गलती पर तुरंत आपत्ति दर्ज करवाई जाती है। इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और संस्थानों को इसी तरह की गलतियों पर माफी मांगनी पड़ी है।

ईरान-इजरायल संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुआ घटनाक्रम

यह पूरा विवाद ऐसे समय में हुआ जब ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव चरम पर है। हाल ही में इजरायल ने तेहरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे, जिसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइल से हमला किया। इस सैन्य गतिरोध के बीच IDF द्वारा यह ग्राफिक साझा किया गया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में काफी चर्चा हुई।

नक्शे की गलत प्रस्तुति से उठे कूटनीतिक सवाल

इस गलती ने केवल सोशल मीडिया विवाद को ही नहीं जन्म दिया, बल्कि भारत और इजरायल के बीच कूटनीतिक स्तर पर भी असहजता पैदा की। हालांकि इजरायल की माफी ने स्थिति को संभाल लिया, लेकिन इससे स्पष्ट होता है कि संवेदनशील भौगोलिक मुद्दों पर सार्वजनिक संस्थानों को बेहद सावधानी से काम लेना चाहिए।

सार्वजनिक संस्थानों की जिम्मेदारी

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कोई देश कितना भी मित्रवत क्यों न हो, किसी दूसरे राष्ट्र की सीमाओं को गलत तरीके से दिखाना गंभीर मुद्दा बन सकता है। विशेष रूप से जब यह जानकारी किसी सरकारी या सैन्य संस्था के माध्यम से आती है, तो उसकी जवाबदेही और अधिक बढ़ जाती है।

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