AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अल्जीरिया में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है। जेल में रहने वाला आतंकी लखवी भी पिता बना। उन्होंने पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में वापस डालने की अपील की।
Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले दोहरे रवैये को लेकर तगड़ा हमला बोला है। वह वर्तमान में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अल्जीरिया में हैं और वहां भारतीय समुदाय को संबोधित कर पाकिस्तान की आतंकवाद को पनाह देने वाली नीतियों को बेनकाब किया। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि इस्लामाबाद की आतंकवादियों को संरक्षण देने वाली नीतियां न केवल दक्षिण एशिया में बल्कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ा रही हैं।
जेल में रहते हुए भी आतंकी लखवी बना पिता
ओवैसी ने अपने भाषण में पाकिस्तान के एक कुख्यात आतंकी जकीउर रहमान लखवी का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे आतंकवादी होने के बावजूद वह जेल में रहते हुए भी एक बच्चे का पिता बन गया। ओवैसी ने कहा कि किसी भी देश में आतंकवादी को जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं दी जाती, लेकिन पाकिस्तान ने इस मामले में पूरी दुनिया को चौंका दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि जब पाकिस्तान को FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट में डाला गया तो कुछ समय के लिए पाकिस्तान ने कार्रवाई शुरू की। यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बिना पाकिस्तान की कार्रवाई सीमित और ढुलमुल रहती है।
FATF ग्रे लिस्ट में वापस डालने की अपील
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालना आवश्यक है ताकि वहां से आतंकवाद का वित्तपोषण रोका जा सके और भारत में आतंकवादी घटनाओं में कमी लाई जा सके। FATF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो आतंकवाद के वित्तीय नेटवर्क की निगरानी करती है। ओवैसी ने कहा कि यह मामला केवल भारत या दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगर पाकिस्तान को नियंत्रण में नहीं लाया गया तो यह खतरा और बढ़ सकता है।
दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए पाकिस्तान को नियंत्रित करना जरूरी
ओवैसी ने आगाह किया कि पाकिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक है और उसे नियंत्रित करना अब विश्व शांति के लिए भी जरूरी हो गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद की जड़ दो बातों में निहित है—विचारधारा और पैसा। विचारधारा के आधार पर आतंकवाद को फैलाने की कोशिश की जाती है, और पैसा उसे जीवित रखता है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने काले दौर को देखा है, जब आतंकवाद ने सबसे ज्यादा नुकसान किया।
अल्जीरिया में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की बात
ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या केवल भारत ही नहीं, बल्कि अल्जीरिया जैसे देशों को भी प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि दक्षिणी अल्जीरिया में भी आतंकवाद के कारण समस्याएं हैं और भारत इस मुद्दे पर अल्जीरियाई जनता के साथ खड़ा है। उन्होंने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को और मजबूत किया जा सके।
भारत और अल्जीरिया के बीच बढ़ते संबंध
ओवैसी ने भारत और अल्जीरिया के बीच बढ़ते संबंधों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि नवंबर 2024 में दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में एक समझौता (MoU) किया है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे। ओवैसी ने उम्मीद जताई कि भारत के प्रधानमंत्री जल्द ही अल्जीरिया का दौरा करेंगे और अल्जीरिया के राष्ट्रपति भी भारत आएंगे, जो दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को और गहरा करेगा।