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फर्जी कॉल्स से मिलेगी राहत! Truecaller का नया 'Secure Calls' फीचर बनाएगा मोबाइल को ज्यादा सुरक्षित

फर्जी कॉल्स से मिलेगी राहत! Truecaller का नया 'Secure Calls' फीचर बनाएगा मोबाइल को ज्यादा सुरक्षित

Truecaller का नया Secure Calls फीचर यूजर्स को फर्जी कॉल्स से बचाएगा, जिससे केवल वेरिफाइड बिजनेस कॉल्स ही यूजर्स तक पहुंच सकेंगी।

मोबाइल यूजर्स को बार-बार आने वाली फर्जी कॉल्स और स्पैम से अब जल्द ही राहत मिलने वाली है। लोकप्रिय कॉलर आईडी और स्पैम ब्लॉकिंग ऐप Truecaller ने एक नया और पावरफुल फीचर लॉन्च किया है जिसका नाम है 'Secure Calls'। इस नए फीचर की मदद से यूजर्स अब असली और फर्जी कॉल्स में आसानी से फर्क कर पाएंगे।

क्या है Secure Calls फीचर?

Truecaller का Secure Calls फीचर एक वेरिफिकेशन सिस्टम है, जो विशेष रूप से बिज़नेस कॉल्स की पहचान और पुष्टि के लिए बनाया गया है। यह फीचर उन कॉल्स को 'जेनुइन बिजनेस' के रूप में टैग करेगा, जो वेरिफाइड एंटरप्राइजेज द्वारा की गई होंगी। इससे यूज़र्स तुरंत पहचान पाएंगे कि कौन सी कॉल भरोसेमंद है।

यह सुविधा विशेष रूप से उन एप्स के लिए है जो अपने एंटरप्राइज क्लाइंट्स को वेरिफाई करना चाहते हैं, ताकि यूज़र्स उन्हें भरोसे के साथ कॉल एक्सेप्ट कर सकें। इसकी शुरुआत NoBroker कंपनी ने की है, जिसने Secure Calls फीचर को सबसे पहले अपनाया है। कंपनी ने अपनी रियल एस्टेट एजेंट्स की कॉल्स वेरिफाइड करने के लिए Truecaller को चुना, जिससे यूज़र्स को असली एजेंटों से संपर्क करना आसान होगा।

कैसे काम करता है यह फीचर?

Truecaller इस फीचर के माध्यम से कंपनियों को बैकएंड पर व्हाइटलिस्ट करता है। यानी केवल वे ही एंटरप्राइजेज इस सिस्टम के तहत कॉल कर सकेंगे जो Truecaller से वेरिफाइड हों। इससे जब यूजर के मोबाइल पर कॉल आएगी, तो कॉल स्क्रीन पर ‘Verified by Truecaller’ का बैज दिखाई देगा। यदि कोई कॉल फर्जी होती है या किसी फ्रॉड संस्था से आती है, तो वह आसानी से पहचानी जा सकेगी।

NoBroker बना पहला सब्सक्राइबर

Truecaller ने इस फीचर को रोलआउट करते हुए बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर की जानी-मानी कंपनी NoBroker इसकी पहली सब्सक्राइबर बनी है। इसका मतलब है कि अगर NoBroker के किसी एजेंट की ओर से कॉल आएगी तो यूजर्स को यह कॉल Truecaller के जरिए वेरिफाइड दिखाई देगी।

यूजर्स को कैसे होगा फायदा?

इस फीचर के जरिए फर्जी कॉल्स को पहले ही स्टेज पर ब्लॉक किया जा सकेगा। Truecaller का एआई आधारित सिस्टम बैकएंड पर डेटा को एनालाइज करेगा और तय करेगा कि कॉल करने वाला नंबर सुरक्षित है या नहीं। खास बात यह है कि यह कॉलर की पहचान केवल नाम से नहीं, बल्कि उसके पूरे बिजनेस वेरिफिकेशन के आधार पर करेगा। इससे यूजर्स को स्पैम से राहत मिलेगी और साइबर फ्रॉड की संभावनाएं भी कम होंगी।

सरकार भी कर रही है प्रयास

गौरतलब है कि सरकार भी पिछले कुछ वर्षों से फर्जी कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी को लेकर गंभीर है। TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) और DoT (दूरसंचार विभाग) ने दूरसंचार कंपनियों को DLT (Distributed Ledger Technology) सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं, जिससे केवल रजिस्टर्ड और व्हाइटलिस्ट टेलीमार्केटर्स ही कॉल कर सकें। साथ ही, एक ही समय में बड़ी संख्या में सिम कार्ड खरीदने वालों पर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं।

Airtel भी ला चुका है AI कॉल फिल्टर

ट्रू कॉलर के अलावा Airtel ने भी अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए एआई आधारित कॉल डिटेक्शन सिस्टम पेश किया है। यह फीचर संदिग्ध कॉल्स और मैसेज को पहले ही ब्लॉक कर देता है और यूजर को चेतावनी देता है। साथ ही, किसी फर्जी लिंक पर क्लिक करने पर उसे खुलने से भी रोका जाता है।

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