कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। गुरुवार, 19 जून को उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी नेतृत्व में कुछ नेताओं के साथ उनके मतभेद हैं। थरूर ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस के विचारों से पूरी तरह सहमत हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में मतभेद की चर्चाओं के बीच एक बार फिर वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान ने हलचल मचा दी है। उन्होंने 19 जून को कहा कि कांग्रेस नेतृत्व के कुछ नेताओं से उनके मतभेद हैं और पार्टी के भीतर राय में विविधता है। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दे दिया है। इस बीच कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज से जब शशि थरूर के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर जोरदार पलटवार किया।
शशि थरूर के बयान पर उदित राज की चुप्पी
शशि थरूर ने गुरुवार को यह स्वीकार किया कि कांग्रेस नेतृत्व में उनके कुछ नेताओं से मतभेद हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी एक लोकतांत्रिक संगठन है और मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम पार्टी के खिलाफ हैं। इस पर जब उदित राज से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, इस पर मैं कुछ कमेंट करने की स्थिति में नहीं हूं।
यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर के पार्टी से जुड़े बयान चर्चा में आए हों। इससे पहले भी वह कांग्रेस के कई निर्णयों पर अलग राय रखते हुए सुर्खियों में आ चुके हैं। उदित राज हालांकि इससे दूरी बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।
मोदी के ‘लाइसेंस राज’ बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
जहां एक ओर उदित राज ने शशि थरूर के बयान से दूरी बनाई, वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के सिवान में दिए भाषण को लेकर जबरदस्त पलटवार किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस के शासनकाल के ‘लाइसेंस और कोटा राज’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके चलते केवल पार्टी के नेता अमीर हुए, जबकि जनता गरीब रह गई।
इस पर उदित राज ने करारा जवाब देते हुए कहा: कोटा और लाइसेंस से ही दलितों और पिछड़ों का उत्थान हुआ है। RSS और बीजेपी को इस व्यवस्था से इसलिए दिक्कत है क्योंकि यह वंचित वर्गों को ऊपर उठने का अवसर देता है। उन्होंने आगे कहा, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, सरकारी नौकरी, पंचायत चुनाव – हर जगह कोटा व्यवस्था ने दलितों-पिछड़ों को मौका दिया। RSS की मानसिकता यही है कि ये वर्ग गुलाम बने रहें, जबकि कांग्रेस ने उन्हें ऊपर उठाया है।
10 साल में मुश्किल से 10 लाख नौकरियां दीं
उदित राज ने मोदी सरकार के नौकरी देने के दावों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक मोदी सरकार ने निजीकरण की रफ्तार तेज की है, जिससे आरक्षित वर्गों को नौकरी के मौके घटे हैं। लैटरल एंट्री से आरक्षण से बचने की कोशिश की गई। मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में मुश्किल से 10 लाख नौकरियां दी होंगी, जबकि कांग्रेस के समय हर साल लाखों एससी, एसटी, ओबीसी को सरकारी नौकरी मिल जाती थी।
बिहार का उदाहरण देते हुए उदित राज ने कहा कि राज्य में आज जो भी एससी, एसटी, ओबीसी लोग उच्च पदों पर हैं, वे कोटा और लाइसेंस व्यवस्था के कारण ही आगे बढ़ पाए हैं। अगर कोटा और लाइसेंस सिस्टम नहीं होता, तो आज भी दलित और पिछड़े वहीं के वहीं रह जाते। बीजेपी को इस व्यवस्था से चिढ़ है क्योंकि यह उनके ‘सामाजिक वर्चस्व’ के एजेंडे को चुनौती देती है।
कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जब बीजेपी 2024 के बाद नए सियासी समीकरणों के तहत अपनी नीति को फिर से परिभाषित कर रही है। ऐसे में उदित राज जैसे नेताओं का यह बयान यह दर्शाता है कि कांग्रेस कोटा और सामाजिक न्याय के मुद्दों को फिर से राष्ट्रीय बहस के केंद्र में लाने की कोशिश कर रही है।