सलमान खुर्शीद ने विदेश से अनुच्छेद 370 हटने पर जम्मू-कश्मीर में विकास की बात कही। आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों को सराहा, लेकिन राजनीति से निराशा जताई।
New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने हाल ही में विदेश दौरे के दौरान अनुच्छेद 370 और आतंकवाद को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां लोकतांत्रिक प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ भारत की कोशिशों को मजबूती से रखा। हालांकि, उनके इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया और कई राजनीतिक दलों ने इस पर सवाल उठाए।
क्या देशभक्त होना मुश्किल है? सलमान खुर्शीद की पीड़ा
सलमान खुर्शीद ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा, "जब हम आतंकवाद के खिलाफ एक मिशन पर हैं, तब यह देखकर दुख होता है कि देश में बैठे लोग हमारी सियासी निष्ठा का आकलन कर रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?" उनका यह बयान भारत में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयासों पर सवाल उठाने वालों को लेकर था। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है।
अनुच्छेद 370 पर सलमान खुर्शीद का रुख
जकार्ता में एक कार्यक्रम के दौरान सलमान खुर्शीद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राज्य में विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, "धारा 370 हटने के बाद यह धारणा टूट गई है कि जम्मू-कश्मीर भारत से अलग है। अब यहां लोकतांत्रिक सरकार है। लोग मतदान में भाग ले रहे हैं और विकास भी हो रहा है।"
उनके अनुसार, कुछ लोग कश्मीर को पुराने दौर में ले जाना चाहते हैं, लेकिन देश को फिर से उस स्थिति में नहीं जाने दिया जाएगा। उनका कहना था कि देश को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए, न कि पुराने विवादों में उलझना चाहिए।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील
खुर्शीद ने कहा कि भारत पूरी दुनिया को एकजुट कर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत आवाज बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, "भारत एक स्वर से कह रहा है, आतंकवाद अब और नहीं। हम दुनिया को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक आवाज की उम्मीद करते हैं।" उनका यह बयान भारत की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर लड़ाई को लेकर था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विवाद
सलमान खुर्शीद के बयान के बाद भारतीय राजनीति में हलचल मच गई। कुछ नेताओं ने उनके बयान को देशहित में बताया, जबकि कुछ ने इसे कांग्रेस पार्टी की नीति के खिलाफ बताया। कई नेताओं ने सवाल उठाया कि कांग्रेस नेता विदेश जाकर सरकार की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि देश में पार्टी का रुख अलग रहता है। इस पर कांग्रेस ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
क्या अनुच्छेद 370 हटने के बाद वाकई बदलाव आया?
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कई बड़े बदलाव हुए हैं। चुनाव प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी बढ़ी है, निवेश के नए अवसर खुले हैं और सुरक्षा हालात में भी सुधार देखा गया है। हालांकि, कई स्थानीय राजनीतिक दल अब भी इस फैसले के खिलाफ हैं और इसे जम्मू-कश्मीर के अधिकारों का हनन बताते हैं। सलमान खुर्शीद ने अपने बयान में साफ कहा कि उन्हें लगता है कि विकास की दिशा में उठाए गए कदम सही हैं और जम्मू-कश्मीर को पुराने दौर में वापस नहीं जाने दिया जाना चाहिए।