सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि भारत के मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ हैं, लेकिन बार-बार उन्हें शक की नजर से देखा जाता है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि वो इस पर खुलकर समर्थन दें।
UP: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने एक बार फिर देश के मौजूदा माहौल को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान हमेशा से आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ खड़े रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगातार शक की नजर से देखा जा रहा है। आजमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह सार्वजनिक रूप से यह बयान दें कि भारत का मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है और उसने हमेशा देश का साथ दिया है।
सेना की सराहना, लेकिन "अंदरूनी मामलों" पर ध्यान जरूरी
अबू आजमी ने कहा कि देश के 140 करोड़ नागरिकों ने भारतीय सेना की बहादुरी और समर्पण की सराहना की है। लेकिन जब देश के भीतर, खासकर मुसलमानों के खिलाफ लगातार सवाल खड़े किए जाते हैं या उनका धर्म पूछकर उन्हें टारगेट किया जाता है, तो यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा, "सेना पर सभी को गर्व है, लेकिन देश के भीतर जो मुसलमानों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति है, उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।"
करनल सोफिया कुरैशी का उदाहरण देते हुए जताई नाराजगी
अबू आजमी ने सेना में सेवा दे चुकी कर्नल सोफिया कुरैशी का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे उनका नाम लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया। उन्होंने दावा किया कि कम से कम 200 ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां आम मुसलमानों को सिर्फ उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर टारगेट किया गया। आजमी ने कहा, "जब कश्मीर के मुसलमान टूरिस्ट्स को अपने घरों में जगह देते हैं, तब यह दिखाता है कि वे देश के साथ हैं। फिर भी कुछ लोग मुसलमानों को हमेशा शक की निगाह से देखते हैं।"
पीएम मोदी से की सीधी अपील
अबू आजमी ने प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा, "आप बतौर देश के प्रधानमंत्री साफ-साफ कहें कि भारत के मुसलमान देश के साथ खड़े हैं और आतंकवाद का विरोध करते हैं। यह वक्त है कि देश के भीतर सौहार्द और भरोसे को मजबूत किया जाए, ना कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई जाए।"
युद्ध जैसे माहौल में एकता की जरूरत
अबू आजमी ने यह भी कहा कि जब देश की सीमाओं पर युद्ध जैसी स्थिति होती है, तब हर भारतीय का कर्तव्य होता है कि वह सरकार, सेना और राष्ट्रहित के साथ खड़ा हो। उन्होंने कहा, "सीमाओं पर खड़े हमारे जवानों का मनोबल बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए, ना कि राजनीतिक बयानबाजी।" उन्होंने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राहुल गांधी की हाल की बयानबाजी की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन यह समय राजनीतिक बहस का नहीं है।
"राजनीति नहीं, सेना के साथ खड़े होने का वक्त है"
अबू आजमी का कहना है कि वर्तमान समय में राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "यह वक्त है कि हम अपनी विचारधारा और राजनीति से ऊपर उठकर भारतीय सेना और देश के साथ एकजुटता दिखाएं। सेना हर परिस्थिति में सीमाओं पर देश की सुरक्षा कर रही है, इसलिए देशवासियों को भी एकजुट होकर उनका समर्थन करना चाहिए।"
मुसलमानों की भूमिका को समझने की अपील
अबू आजमी ने यह भी कहा कि देश के मुसलमान सिर्फ देशभक्त ही नहीं, बल्कि हर आपदा और संकट के समय में आगे आकर साथ देने वाले नागरिक हैं। उन्होंने कहा, "हमें हर बार अपनी देशभक्ति साबित नहीं करनी चाहिए, लेकिन जब बार-बार धर्म के नाम पर टारगेट किया जाता है, तब आवाज उठाना जरूरी हो जाता है।"