विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 29 मई से कार्य बहिष्कार की घोषणा के कारण लखनऊ में बिजली संकट की आशंका बढ़ गई है। जलकल विभाग ने पानी की सप्लाई में व्यवधान न हो, इसके लिए सभी पंपिंग स्टेशनों पर डीजल जनरेटर की व्यवस्था की है।
उत्तर प्रदेश: लखनऊ में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के 29 मई से शुरू हो रहे कार्य बहिष्कार के ऐलान के बीच शहर में बिजली संकट की संभावना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस कार्य बहिष्कार का विरोध करते हुए जलकल विभाग ने शहर के पंपिंग स्टेशनों और जलकल प्लांटों में डीजल जनरेटर (डीजी) की व्यवस्था कर पानी की सप्लाई निरंतर बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। ऐसे में बिजली कटौती से उत्पन्न संभावित जल संकट को रोकने के लिए जलकल विभाग पूरी तरह से सतर्क नजर आ रहा है।
डीजी जनरेटर से पानी की सप्लाई होगी सुनिश्चित
जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली की आपूर्ति बाधित होने पर पानी की सप्लाई प्रभावित न हो, इसके लिए जलकल के लगभग सभी पंपिंग स्टेशन पर 70 से अधिक डीजल जनरेटर किराए पर लगाए गए हैं। इसके अलावा जलकल के चार मुख्य प्लांटों पर अतिरिक्त डीजी सेट स्थापित किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की बिजली कटौती का असर जल सप्लाई पर न पड़े। साथ ही विभाग ने पानी के टैंकरों की भी विशेष व्यवस्था की है, ताकि जरूरत पड़ने पर जल आपूर्ति की जा सके।
बिजली फॉल्ट से पहले ही संकट की झलक
शहर में बिजली आपूर्ति पहले ही कुछ इलाकों में फॉल्ट और कटौती की वजह से बाधित रही है। रविवार सुबह गोमतीनगर के विराम खंड में अंडरग्राउंड केबल में तकनीकी खराबी के कारण लगभग दो घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही। इस फॉल्ट को ठीक करने में लेसा टीम को काफी समय लग गया, जिसकी वजह से बिजली रात 8 बजे के बाद ही पूरी तरह बहाल हो सकी।
इसी प्रकार गर्मी के मौसम में शहर के अन्य हिस्सों जैसे सिंगारनगर, वीआईपी रोड, बंगला बाजार, आशियाना सेक्टर जे और अंबिका विहार में सुबह से दोपहर तक बिजली कटौती की समस्या ने आम जनता को भारी परेशानी में डाल दिया। शनिवार रात राजाबाजार क्षेत्र में एलटी ओवरहेड लाइन में हीटिंग के कारण एक-दो घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही, जो शहर की बिगड़ती बिजली व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।
विद्युत कर्मचारियों का विरोध: निजीकरण के खिलाफ संघर्ष
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का विरोध करते हुए 29 मई से कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ संगठित होकर अपनी मांगों को लेकर सरकार को चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि निजीकरण से कर्मचारियों की सुरक्षा और उपभोक्ताओं की सेवा दोनों प्रभावित होंगी।
यह कार्य बहिष्कार विद्युत विभाग की विभिन्न सेवाओं को प्रभावित कर सकता है, जिससे बिजली की आपूर्ति में व्यवधान आने की संभावना है। इसी कारण जलकल विभाग ने पानी की आपूर्ति को बिना रुके रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
शहरवासियों के लिए राहत की खबर
बिजली संकट की आशंका के बीच जलकल विभाग की तैयारी से शहरवासियों को राहत मिली है। कुलदीप सिंह ने स्पष्ट किया है कि जल सप्लाई में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। सभी पंपिंग स्टेशनों और प्लांटों पर डीजी सेट की व्यवस्था के साथ-साथ टैंकरों को भी अलर्ट पर रखा गया है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में पानी की सप्लाई जारी रहे।
उन्होंने बताया कि विभाग ने कर्मचारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे कार्य बहिष्कार के दौरान भी जलकल सेवा को सुचारू रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। जलकल विभाग का पूरा जोर जल संकट से बचाव पर लगा हुआ है।