Chicago

ITR-4 फॉर्म: छोटे टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत, जानें कौन भर सकता है और क्या बदले हैं नियम

ITR-4 फॉर्म छोटे बिजनेस, प्रोफेशनल्स और फ्रीलांसरों के लिए एक आसान टैक्स फाइलिंग विकल्प है। AY 2025-26 में नए बदलाव, LTCG और टैक्स रिजीम स्विच की सुविधा

ITR-4 Filing: अगर आप छोटे बिजनेस के मालिक हैं, फ्रीलांसर हैं या प्रोफेशनल सर्विसेज देते हैं, तो ITR-4 फॉर्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसे "सुगम फॉर्म" भी कहा जाता है, जो छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स के लिए डिजाइन किया गया है। यह फॉर्म उनकी इनकम टैक्स फाइलिंग को आसान और तेजी से पूरा करने में मदद करता है, जिनकी इनकम ज्यादा जटिल नहीं है।

ITR-4 (सुगम) क्या है?

ITR-4 एक टैक्स फॉर्म है जो उन लोगों के लिए है जिनकी इनकम 50 लाख रुपये तक है और जो प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत अपनी इनकम को दिखाते हैं। इस स्कीम के तहत आपको अपने बिजनेस का पूरा हिसाब-किताब रखने की जरूरत नहीं होती। सरकार कुछ नियमों के आधार पर आपकी इनकम का अनुमान लगाती है और उसी पर टैक्स लगता है। यह फॉर्म छोटे दुकानदारों, ट्रांसपोर्टर्स, डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट्स जैसे प्रोफेशनल्स के लिए बहुत सहायक है।

ITR-4 कौन भर सकता है?

ITR-4 हर किसी के लिए नहीं है। इसे भरने के लिए कुछ खास शर्तें पूरी करनी होती हैं। निम्नलिखित लोग ITR-4 भर सकते हैं:

  • छोटा बिजनेस करने वाले: जैसे किराने की दुकान, रेस्टोरेंट या ट्रेडिंग का काम।
  • प्रोफेशनल्स: जैसे डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट।
  • ट्रांसपोर्ट बिजनेस वाले: जैसे ट्रक या टैक्सी चलाने वाले लोग।
  • सैलरी, किराया, ब्याज या फैमिली पेंशन वालों के लिए: जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये से कम हो।

अगर आपकी इनकम इससे ज्यादा है, तो आपको ITR-4 नहीं भरना होगा।

AY 2025-26 में ITR-4 में क्या नया है?

CBDT ने ITR-4 के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो छोटे टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

1. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG): अब यदि आपके पास 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन है, तो आप इसे ITR-4 में ही दिखा सकते हैं। पहले इस गेन को दिखाने के लिए ITR-2 भरना पड़ता था, जो काफी जटिल था।

2. न्यू टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच: यदि आपने न्यू टैक्स रिजीम चुना था और अब आप ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच करना चाहते हैं, तो आपको ITR-4 में फॉर्म 10-IEA का विवरण देना होगा।

3. नए डिडक्शन्स: अब ITR-4 में कुछ नए डिडक्शन्स को शामिल किया गया है, जैसे सेक्शन 80CCH। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो न्यू टैक्स रिजीम के तहत कुछ खास डिडक्शन्स का लाभ उठाना चाहते हैं।

ITR-4 के फायदे

आसान और तेज फाइलिंग: ITR-4 फॉर्म टैक्स फाइलिंग को बेहद सरल और जल्दी बनाने में मदद करता है। आपको बिजनेस के जटिल रिकॉर्ड्स रखने की जरूरत नहीं होती।

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स की सुविधा: पहले जो लोग शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करते थे, उन्हें जटिल फॉर्म भरने पड़ते थे। अब वे ITR-4 में ही अपनी कैपिटल गेन रिपोर्ट कर सकते हैं।

नए टैक्स रिजीम का लचीलापन: अब टैक्सपेयर्स को न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के बीच स्विच करने की सुविधा मिली है, जो उन्हें अधिक लचीलापन देती है।

ITR-4 भरते समय ध्यान रखने वाली बातें

इनकम चेक करें: आपकी कुल इनकम 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन: यदि आपके पास शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन हैं, तो आपको ITR-4 नहीं भरना होगा।

फॉर्म 10-IEA: यदि आप न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलने का विचार कर रहे हैं, तो फॉर्म 10-IEA भरना न भूलें।

ITR-4 फॉर्म कहां से मिलेगा?

आप ITR-4 फॉर्म को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, आप ऑनलाइन फाइलिंग के लिए इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपको फॉर्म भरने में कोई कठिनाई हो, तो आप एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से मदद ले सकते हैं।

 

Leave a comment