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खाने के तेल की कीमतों में बड़ी राहत: सरकार ने कस्टम ड्यूटी घटाई, आम जनता को मिलेगा फायदा

खाने के तेल की कीमतों में बड़ी राहत: सरकार ने कस्टम ड्यूटी घटाई, आम जनता को मिलेगा फायदा

भारत सरकार ने क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 10% कर दी है। इस फैसले से खाने के तेल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, घरेलू रिफाइनिंग सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।

सरकार के फैसले से तेल की कीमतों में राहत

खाने के तेल की लगातार बढ़ती कीमतों से जूझ रही जनता के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है। यह बदलाव 31 मई से प्रभावी हो गया है। इससे खाने के तेल की कीमतों में कमी आने की संभावना है, जो घरेलू बजट पर बोझ कम करेगा।

रिफाइंड और कच्चे तेल में शुल्क का फर्क बढ़ा

सरकार ने रिफाइंड तेल की कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है, जो 32.5% पर बनी हुई है। हालांकि, इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी के बाद कच्चे और रिफाइंड तेल के बीच शुल्क का अंतर बढ़कर 19.25% हो गया है। इससे रिफाइंड तेल के आयात पर असर पड़ेगा और कच्चे तेल की मांग में इजाफा होगा।

घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को मजबूती

विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार का यह कदम घरेलू रिफाइनिंग सेक्टर के लिए वरदान साबित होगा। इससे देश में तेल का उत्पादन बढ़ेगा और विदेशों से आयात पर निर्भरता कम होगी। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के प्रेसिडेंट संजीव अस्थाना ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल सही समय पर लिया गया है, जिससे घरेलू उद्योग को बड़ा फायदा मिलेगा।

भारत की तेल आयात पर निर्भरता

भारत दुनिया में खाने के तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है। देश में कुल जरूरत का लगभग 50% तेल विदेशों से आता है। पाम ऑयल मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से, जबकि सोयाबीन ऑयल ब्राजील और अर्जेंटीना से मंगाया जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने लगभग 159.6 लाख टन खाने का तेल आयात किया, जिसकी कीमत करीब 1.32 लाख करोड़ रुपये रही।

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